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शनिवार, 26 मई 2018

हिंदी साहित्य प्रश्नोत्तरी भाग 10

०1. ’तोडने ही होंगे मठ औरगढ सब’ किसकी पंक्ति है?
उत्तर-------- मुक्तिबोध
०2. ’द्रुत झरो जगत के जीर्णपत्र’ पंक्ति के रचनाकार
कौन हैं?
उत्तर-------- सुमित्रानन्दन पन्त
०3. ’उत्तर प्रियदर्शी’किसकी गीति-नाट्य
रचना है?
उत्तर-------- अज्ञेय
०4. ’केसव कहि न जाइका कहिए! देखत तब
रचना बिचित्र अति,समुझि मनहि मन रहिए!’
किसकी पंक्ति है?
उत्तर-------- तुलसीदास
०5. ’रावरे रूपको रीति अनूप,
नयो नयो लागतज्यों ज्यों निहारिये’ -किसकी पंक्ति है?
उत्तर-------- घनानन्द
०6. प्रसिद्ध हिन्दी पत्रिका ’कल्पना’ कहॉं से प्रकाषित
होती थी?
उत्तर-------- हैदराबाद
०7. ’कोमल गांधार’ नाटकके रचनाकार कौन हैं?
उत्तर-------- शंकर शेष
०8. ’मुक्ति का रहस्य’नाटक किसकी कृति है?
उत्तर-------- लक्ष्मीनारायण मिश्र
०9. ’हिन्दी साहित्यका नया इतिहास’ के लेखक
कौन हैं?
उत्तर-------- बच्चन सिंह
०10. ’हिन्दी साहित्यका वैज्ञानिक इतिहास’
किसकी कृति है?
उत्तर-------- गणपतिचन्द्र गुप्त
०11. ’हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक
इतिहास’ के रचनाकार कौन हैं?
उत्तर-------- डॉ0 रामकुमार वर्मा
०12. ’हिन्दी साहित्य की संवेदना का विकास’
किसकी रचना है?
उत्तर-------
रामस्वरूप चतुर्वेदी
०13. ’कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ जिससे उथल पुथल मच
जाए’ किसकी पंक्ति है?
उत्तर-------- बालकृष्ण शर्मा नवीन
०14. मध्यवाचार्य किस सम्प्रदाय के संस्थापक हैं?
उत्तर-------- द्वैतवाद
०15. किन रचनाकारों की भाषा को
संधाभाषा कहा गया?
उत्तर-------- बौद्ध-सिद्ध
०16. ’धिक् जीवन जो पाता ही आया विरोध
’ किसकी पंक्ति है?
उत्तर-------- निराला
०17. ’दुःखवा मैं कासे कहूँ मोरी सजनी’
किसकी कहानी है?
उत्तर-------- चतुरसेन शास्त्री
०18. ’मधुप गुनगुना कर कह जाता’ किसकी पंक्ति है?
उत्तर-------- जयशंकर प्रसाद
०19. ’मर्द साठे पर पाठे होते हैं।’ किसकी उक्ति है?
उत्तर-------- प्रेमचंद
०20. ’ये उपमान मैले हो गये हैं’ किसकी पंक्ति है?
उत्तर-------- अज्ञेय
०21. ’हम राज्य लिये मरते हैं’ किसकी काव्य-पंक्ति है?
उत्तर-------- मैथिलशरण गुप्त
०22. ’हिन्दी व्याकरण’ किसकी रचना है?
उत्तर-------- कामताप्रसाद गुरु
०23.’हिन्दी शब्दानुशासन’ किसने लिखा है?
उत्तर-------- किशोरीदासव्वाजपेयी
०24.’हिन्दी भाषा का उद्भव और विकास’ किसकी रचना है?
उत्तर-------- उदय नारायण तिवारी
०25. ’देवीदीन’ मुंशी प्रेमचन्द के किस
उपन्यास का पात्र है?
उत्तर-------- गबन
०26. ’प्रैक्टिकल क्रिटिसिज्म’ किसका ग्रन्थ है?
उत्तर-------- रिचर्ड्स
०27. ’सेक्रेड वुड’ किसकी रचना है?
उत्तर-------- टी.एस. इलियट
०28. ’लिरिकल बैलेडस’ किसने लिखा है?
उत्तर-------- विलियम वर्ड्सवर्थ
०29. ’पोयटिक्स’ किसकी कृति है?
उत्तर-------- अरस्तू
०30. ’जात पांत पूछै नहिं कोई’ किसकी पंक्ति है?
उत्तर-------- रामानन्द
०31. ’प्रेम प्रेम ते होय प्रेम ते पारहिं पइए’ पंक्ति के
रचनाकार कौन हैं?
उत्तर-------- सूरदास
०32. ’आधुनिक काल में गद्य का आविर्भाव सबसे प्रधान
घटना है’ किसका कथन है?
उत्तर-------- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
०33. ’अब अभिव्यक्ति के सारे खतरे उठाने ही होंगे’
किसकी उक्ति है?
उत्तर-------- मुक्तिबोध
०34. सबने भी अलग अलग संगीत सुना’ किसकी पंक्ति है?
उत्तर-------- अज्ञेय
०35. ’प्रिय के हाथ लगाये जागी, ऐसी मैं सो गई
अभागी’ किसकी उक्ति है?
उत्तर-------- निराला
०36. ’अंतिम अरण्य’ किसका उपन्यास है?
उत्तर-------- निर्मल वर्मा
०37. ’विश्वबाहु परशुराम’ किसका उपन्यास है?
उत्तर-------- विशम्भरनाथ उपाध्याय
०38. ’शीलवती’ सुरेन्द्र वर्मा के किस नाटक
की पात्र है?
उत्तर-------- सूर्य की पहली किरण से सूर्य की अन्तिम किरण
०39. ’मानवमूल्य और साहित्य’ किसकी कृति है?
उत्तर-------- धर्मवीर भारती
०40. ’बिहारी सतसई’ नामक ग्रन्थ के रचयिता कौन हैं?
उत्तर-------- पद्मसिंह शर्मा
०41. ’देव और बिहारी’ किसकी कृति है?
उत्तर-------- कृष्ण बिहारी मिश्र
०42. ’बिहारी और देव’ किसकी रचना है?
उत्तर-------- लाला भगवानदीन
०43. ’नैया बिच नदिया डूबति जाय’
किसकी उक्ति है?
उत्तर-------- कबीर
०44. ’माध्यम’ किस संस्थान की पत्रिका है?
उत्तर-------- हिन्दी साहित्य सम्मेलन
०45. इलाहाबाद सेप्रकाशित ’कादम्बिनी’
पत्रिका के प्रथम सम्पादक कौन थे?
उत्तर-------- बालकृष्ण राव
०46. ’पासंग’ नामक कहानी संग्रह के रचनाकार
कौन हैं?
उत्तर-------- मेहरुन्निसा परवेज
०47. ’जंगल का जादू तिल तिल’ नामक कहानी संग्रह
के रचनाकार कौन हैं?
उत्तर-------- प्रत्यक्षा
०48. ’दुक्खम सुक्खम’ उपन्यास की लेखिका कौन
हैं?
उत्तर-------- ममता कालिया
०49. ’संसद से सडक तक’ कविता संग्रह के रचनाकार
कौन हैं?
उत्तर-------- धूमिल

शुक्रवार, 25 मई 2018

हिंदी साहित्य प्रश्नोत्तरी भाग 9

1 हिंदी का गोल्ड स्मिथ किसे कहा जाता है ।
उतर:----श्री सियारामशरण गुप्त

2  हिन्दी का टेनिसन किसे कहा जाता है
उत्तर:----बाबू जगन्नाथ दास

3 बिहार का महावीर प्रसाद द्विवेदी किसे कहा जाता है
उतर:----आचार्य शिवपूजन सहाय

4 हिन्दी का लघु प्रसाद किसे कहा जाता है
उतर:----जगदीश चन्द्र माथुर

5 आधुनिक रसखान किसे कहा जाता है
उतर:---श्री अब्दुल रसीद

6 आधुनिक रहीम किसे कहा जाता है
उतर:----मिर्जा नासिर हसन

7 शब्द सम्राट कोश किसे कहा जाता है
उतर:----बाबू श्याम सुंदर दास

8 साहित्य का महारथी किसे कहा जाता है
उतर:----आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी

9 हिन्दी का गालिब किसे कहा जाता है
उतर:-----बिहारी

10 हिन्दी का मिल्टन किसे कहा जाता है
उतर:---केशवदास

11 युग का वैतालिक किसे कहा जाता है
उतर:-----भारतेंदु जी

12 पूरे ऋषि किस अष्टछापी कवि को कहा जाता है
उतर:----कुम्भनदास

13 ऊंची योग्यता का कवि किसे कहा जाता है
उतर:----गद्दाधर भट्ट

14 हिन्दी का लैम्ब किसे कहा जाता है
उतर:----प्रताप नारायण मिश्र

15 हिन्दी का मम्मट किसे कहा जाता है
उतर:----पण्डित रामदिन मिस्र

16 अवतारी पुरुष किस कवि को कहा जाता है
उतर:----महावीर प्रसाद द्विवेदी

17 हिन्दी का इलिएट किसे कहा जाता है
उतर:-----अज्ञेय जी

18 छोटे निराला किस कवि को कहा जाता है
उतर:---- जानकी बल्लभ शास्त्री

19 हिन्दी का मल्लिनाथ किसे कहा जाता है
उतर:----राजा लक्ष्मण सिंह

20 आधुनिक काल का पदमाकर किसे कहा जाता है
उतर:----बाबू जगन्नाथ दास ।

सोमवार, 14 मई 2018

हिंदी साहित्य प्रश्नोत्तरी भाग 5

हिंदी का गोल्ड स्मिथ किसे कहा जाता है ।
उतर:----श्री सियारामशरण गुप्त
2 💐हिन्दी का टेनिसन किसे कहा जाता है
उत्तर:----बाबू जगन्नाथ दास
3💐बिहार का महावीर प्रसाद द्विवेदी किसे कहा जाता है
उतर:----आचार्य शिवपूजन सहाय
4 💐हिन्दी का लघु प्रसाद किसे कहा जाता है
उतर:----जगदीश चन्द्र माथुर
5💐आधुनिक रसखान किसे कहा जाता है
उतर:---श्री अब्दुल रसीद
6💐आधुनिक रहीम किसे कहा जाता है
उतर:----मिर्जा नासिर हसन
7💐शब्द सम्राट कोश किसे कहा जाता है
उतर:----बाबू श्याम सुंदर दास
8💐साहित्य का महारथी किसे कहा जाता है
उतर:----आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी
9💐हिन्दी का गालिब किसे कहा जाता है
उतर:-----बिहारी
10💐हिन्दी का मिल्टन किसे कहा जाता है
उतर:---केशवदास
11💐युग का वैतालिक किसे कहा जाता है
उतर:-----भारतेंदु जी
12 💐पूरे ऋषि किस अष्टछापी कवि को कहा जाता है
उतर:----कुम्भनदास
13 💐ऊंची योग्यता का कवि किसे कहा जाता है
उतर:----गद्दाधर भट्ट
14💐हिन्दी का लैम्ब किसे कहा जाता है
उतर:----प्रताप नारायण मिश्र
15💐हिन्दी का मम्मट किसे कहा जाता है
उतर:----पण्डित रामदिन मिस्र
16💐अवतारी पुरुष किस कवि को कहा जाता है
उतर:----महावीर प्रसाद द्विवेदी
17💐हिन्दी का इलिएट किसे कहा जाता है
उतर:-----अज्ञेय जी
18💐छोटे निराला किस कवि को कहा जाता है
उतर:---- जानकी बल्लभ शास्त्री
19💐हिन्दी का मल्लिनाथ किसे कहा जाता है
उतर:----राजा लक्ष्मण सिंह
20💐आधुनिक काल का पद्माकर किसे कहा जाता है
उतर:----बाबू जगन्नाथ दास ।

गुरुवार, 10 मई 2018

हिंदी साहित्य प्रश्नोत्तरी भाग 8



💐 *हिन्दी साहित्य का इतिहास(आदिकाल)*💐

🌹... *आदिकाल का नामकरण*.....🌹

विभिन्न इतिहासकारों द्वारा आदिकाल का नामकरण निम्नानुसार किया गया-

*इतिहासकार का नाम   - नामकरण*

👉हजारी प्रसाद द्विवेदी -आदिकाल
👉रामचंद्र शुक्ल -वीरगाथा काल
👉महावीर प्रसाद दिवेदी -बीजवपन काल
👉रामकुमार वर्मा- संधि काल और चारण काल
👉राहुल संकृत्यायन- सिद्ध-सामन्त काल
👉मिश्रबंधु- आरंभिक काल
गणपति चंद्र गुप्त -प्रारंभिक काल/ शुन्य काल
👉विश्वनाथ प्रसाद मिश्र- वीर काल
👉धीरेंद्र वर्मा -अपभ्रंस काल
👉चंद्रधर शर्मा गुलेरी -अपभ्रंस काल
👉ग्रियर्सन- चारण काल
👉पृथ्वीनाथ कमल 'कुलश्रेष्ठ'- अंधकार काल
👉रामशंकर शुक्ल- जयकाव्य काल
👉रामखिलावन पाण्डेय- संक्रमण काल
👉हरिश्चंद्र वर्मा- संक्रमण काल
👉मोहन अवस्थी- आधार काल
👉शम्भुनाथ सिंह- प्राचिन काल
👉वासुदेव सिंह- उद्भव काल
👉रामप्रसाद मिश्र- संक्रांति काल
👉शैलेष जैदी - आविर्भाव काल
👉हरीश- उत्तर अपभ्रस काल
👉बच्चन सिंह- अपभ्रंस काल: जातिय साहित्य का उदय
👉श्यामसुंदर दास- वीरकाल/अपभ्रंस का

✍✍✍✍✍✍✍✍
💐💐💐💐💐💐💐💐

✍💐 *हिन्दी का सर्वप्रथम कवि*💐✍

*विभिन्न इतिहासकारों के अनुसार हिंदी का पहला कवि-*

👉राहुल सांकृत्यायन के अनुसार - सरहपा (769 ई.)

👉शिवसिंह सेंगर के अनुसार - पुष्प या पुण्ड (10 वीं शताब्दी)

👉गणपति चंद्र गुप्त के अनुसार - शालिभद्र सूरि (1184 ई.)

👉रामकुमार वर्मा के अनुसार - स्वयंभू (693 ई.)

👉हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार- अब्दुल रहमान (13 वीं शताब्दी)

👉बच्चन सिंह के अनुसार - विद्यापति (15 वीं शताब्दी)

👉चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' के अनुसार- राजा मुंज (993 ई.)

👉रामचंद्र शुक्ल के अनुसार- राजा मुंज व भोज (993)

हिंदी साहित्य प्रश्नोत्तरी भाग 7

छायावाद की वृहद त्रयी:-
०🌷जयशंकर प्रसाद(ब्रह्मा)
०🌷सुमित्रानंदन पंत (विष्णु)
०🌷सूर्यकांत त्रिपाठी निराला(महेश)
छायावाद की लघुत्रयी या वर्मा त्रयी:-
०🌷 -महादेवी वर्मा
०🌷 -रामकुमार वर्मा
०🌷-भगवतीचरण वर्मा
मिश्रबंधु की वृहदत्रयी:-
०🌷तुलसीदास
०🌷सूरदास
०🌷 देव
मिश्र बंधु की मध्य त्रयी
०🌷बिहारी
०🌷भूषण
०🌷केशव
मिश्रबंधु की लघुत्रयी:-
०🌷-मतिराम
०🌷-चंद्रवरदाई
०🌷- हरिश्चंद्र
शतक त्रयी:-
०🌷- नीतिशतक
०🌷- श्रंगार शतक
०🌷- वैराग्य शतक
नई कहानी आंदोलन की यशस्वी त्रयी:-
०🌷- राजेंद्र यादव
०🌷-कमलेश्वर
०🌷-मोहन राकेश
भारतीय पत्रकारीता त्रयी:-
०🌷-राजेंद्र माथुर
०🌷 -मनोहर श्याम जोशी
०🌷-अज्ञेय

बुधवार, 9 मई 2018

हिंदी साहित्य प्रश्नोत्तरी भाग 6

वर्ष 1955 से अब तक हिन्दी साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं की सूची:
वर्ष साहित्यकार का नाम रचना
2017 रमेश कुंतल मेघ विश्वमिथकसरित्सागर (पुस्तक)
2016 नासिरा शर्मा पारिजात (उपन्‍यास)
2015 रामदरश मिश्र आग की हंसी (कविता-संग्रह)
2014 रमेशचन्‍द्र शाह विनायक (उपन्‍यास)
2013 मृदुला गर्ग मिलजुल मन (उपन्‍यास)
2012 चंद्रकांत देवताले पत्थर फेंक रहा हूँ (कविता-संग्रह)
2011 काशीनाथ सिंह रेहन पर रग्घू (उपन्यास)
2010 उदय प्रकाश मोहन दास (लघु उपन्यास)
2009 कैलाश वाजपेयी हवा में हस्ताक्षर (कविता-संग्रह)
2008 गोविन्द मिश्र कोहरे में कैद रंग (उपन्यास)
2007 अमरकान्त इन्हीं हथियारों से (उपन्यास)
2006 ज्ञानेन्द्रपति संशयात्मा (कविता-संग्रह)
2005 मनोहर श्याम जोशी क्याप (उपन्यास)
2004 वीरेन डंगवाल दुश्चक्र में स्रष्टा (कविता-संग्रह)
2003 कमलेश्वर कितने पाकिस्तान (उपन्यास)
2002 राजेश जोशी दो पंक्तियों के बीच (कविता-संग्रह)
2001 अलका सरावगी कलि–कथा: वाया बाइपास (उपन्यास)
2000 मंगलेश डबराल हम जो देखते हैं (कविता-संग्रह)
1999 विनोद कुमार शुक्ल दीवार में एक खिड़की रहती थी (उपन्यास)
1998 अरुण कमल नए इलाक़े में (कविता-संग्रह)
1997 लीलाधर जगूड़ी अनुभव के आकाश में चाँद (कविता-संग्रह)
1996 सुरेन्द्र वर्मा मुझे चाँद चाहिए (उपन्यास)
1995 कुँवर नारायण कोई दूसरा नहीं (कविता-संग्रह)
1994 अशोक वाजपेयी कहीं नहीं वहीं (कविता-संग्रह)
1993 विष्णु प्रभाकर अर्द्धनारीश्वर (उपन्यास)
1992 गिरिराज किशोर ढाई घर (उपन्यास)
1991 गिरिजाकुमार माथुर मैं वक़्त के हूँ सामने (कविता-संग्रह)
1990 शिवप्रसाद सिंह नीला चाँद (उपन्यास)
1989 केदारनाथ सिंह अकाल में सारस (कविता-संग्रह)
1988 नरेश मेहता अरण्या (कविता-संग्रह)
1987 श्रीकांत वर्मा (मरणोपरांत) मगध (कविता-संग्रह)
1986 केदारनाथ अग्रवाल अपूर्वा (कविता-संग्रह)
1985 निर्मल वर्मा कव्वे और काला पानी (कहानी–संग्रह)
1984 रघुवीर सहाय लोग भूल गए हैं (कविता-संग्रह)
1983 सर्वेश्वरदयाल सक्सेना खूँटियों पर टँगे लोग (कविता-संग्रह)
1982 हरिशंकर परसाई विकलांग श्रद्धा का दौर (व्यंग्य)
1981 त्रिलोचन ताप के ताये हुए दिन (कविता-संग्रह)
1980 कृष्णा सोबती ज़िन्दगीनामा–जिन्दाय रुख़ (उपन्यास)
1979 धूमिल (मरणोपरांत) कल सुनना मुझे (कविता-संग्रह)
1978 भारत भूषण अग्रवाल उतना वह सूरज है (कविता-संग्रह)
19

सोमवार, 7 मई 2018

हिंदी साहित्य प्रश्नोत्तरी भाग 4

*हिंदी के 200 महत्वपूर्णे प्रश्न उत्तर*

1 काव्य के तत्व माने गए है  -  
 दो
2 महाकाव्य के उदाहरण है -    
 रामचरित मानस, रामायण, साकेत, महाभारत, पदमावत, कामायनी, उर्वशी, लोकायतन, एकलव्य आदि
3 मुक्तक काव्य के उदाहरण है-    
मीरा के पद, रमैनियां, सप्तशति
4 काव्य कहते है -    
 दोष रहित, सगुण एवं रमणियार्थ प्रतिपादक युगल रचना को
5 काव्य के तत्व है -    
 भाषा तत्व, बुध्दि या विचार तत्व, कल्पना तत्व और शैली तत्व
6 काव्य के भेद है -    
 प्रबंध (महाकाव्य और खण्ड काव्य), मुक्तक काव्य
7 वामन ने काव्य प्रयोजन माना -  

 दृष्ट प्रयोजन (प्रीति आनंद की प्राप्ति) अदृष्ट प्राप्ति (कीर्ति प्राप्ति)
8 भामह की काव्य परिभाषा है -    
 शब्दार्थो सहित काव्यम
9 प्रबंध काव्य का शाब्दिक अर्थ है -    
 प्रकृष्ठ या विशिष्ट रूप से बंधा हुआ।
10 रसात्मक वाक्यम काव्यम परिभाषा है -    
पंडित जगन्नाथ का
11 काव्य के कला पक्ष में निहित होती है -    
भाषा
12 काव्य में आत्मा की तरह माना गया है-    
रस
13 तद्दोषों शब्दार्थो सगुणावनलंकृति पुन: क्वापि, परिभाषा है -    
मम्मट की
14 काव्य के तत्व विभक्त किए गए है-  
  चार वर्गो में प्रमुखतया रस, शब्द
15 कवि दण्डी ने काव्य के भेद माने है-
    तीन
16 रमणियार्थ प्रतिपादक शब्द काव्यम की परिभाषा दी है -  
  आचार्य जगन्नाथ ने
17 काव्य रूपों में दृश्य काव्य है -
    नाटक
18 काव्य प्रयोजन की दृष्टि से मत सर्वमान्य है -  
   मम्मटाचार्य का
19 काव्य प्रयोजनों में प्रमुख माना जाता है।

    आनंदानुभूति का
20 काव्य रचना का प्रमुख कारण (हेतु) है -  
   प्रतिभा का
21 महाकाव्य और खण्ड काव्य में समान लक्षण है -
     कथानक उपास्थापन एक जैसा होता है।
22 काव्य रचना के सहायक तत्व है -
    वर्ण्य विषय(भाव), अभिव्यक्ति पक्ष (कला), आत्म पक्ष
23 मम्मट के काव्य प्रयोजन है -  
   यश, अर्थ, व्यवहार ज्ञान, शिवेतरक्षति, संघ पर निवृति, कांता सम्मलित
24 मम्मट के शिवेतर का अभिप्राय है –
      अनिष्ट
25 सगुणालंकरण सहित दोष सहित जो होई... परिभाषा है -  
  चिंतामणि की
26 भारतीय काव्य शास्त्र के अनुसार काव्य के तत्व है -
     1 शब्द और अर्थ, 2 रस, 3 गुण, 4 अलंकार, 5 दोष, रीतिय
27 आधुनिक कवियों ने काव्य के प्रयोजन में क्या विचार दिए -    
ज्ञान विस्तार, मनोरंजन, लोक मंगल, उपदेश
28 खण्ड काव्य में सर्गखण्ड होते है -    
 सात से कम
29 शैली के आधार पर काव्य भेद है -    
 गद्य, पद्य, चम्पू
30 दृश्य काव्य के भेद है -  
  रूपक और उप रूपक
31 महाकाव्य का प्रधान रस होता है -    
 वीर, शृंगार या शांत रस
32 महाकाव्य के प्रारंभ में होता है -    
 मंगलाचरण या इष्टदेव की पूजा
33 रूपक के भेद है -  
  नाटक, प्रकरण, भाण, प्रहसन, व्यायोग, समवकार, वीथि, ईहामृग, अंक
34 महाकाव्य में खण्ड या सर्ग होते है -    
आठ और अधिक
35 महाकाव्य के एक सर्ग में एक छंद का प्रयोग होता है। इसका परिवर्तन किया जा सकता है -    
 सर्ग के अंत में।
36 मुक्तक काव्य है -       एकांकी सदृश्यों को चमत्कृत करने में समर्थ पद्य
37 प्रबंध काव्य वनस्थली है तो मुक्तक काव्य गुलदस्ता है। यह उक्ति किसने कही -    
आचार्य रामचंद्र शुल्क ने
38 मुक्तककार के लक्षण होते है -    
मार्मिकता, कल्पना प्रवण, व्यंग्य प्रयोग, कोमलता, सरलता, नाद सौंदर्य
39 मुक्तक के भेद है -    
 रस मुक्तक, सुक्ति मुक्तक
40 काव्य के गुण है -  
  काव्य के रचनात्मक स्वरूप का उन्नयन कर रस को उत्कर्ष प्रदान करने की क्षमता
41 भरत और दण्डी के अनुसार काव्य के गुण के भेद है
 -       श्लेष, प्रसाद, समता, समाधि, माधुर्य, ओज, पदसुमारता, अर्थव्यक्ति, उदारता व कांति
42 आचार्य मम्मट ने काव्य गुण बताए -  
  माधुर्य, ओज और प्रसाद
43 माधुर्य गुण में वर्जन है -       ट, ठ, ड, ढ एवं समासयुक्त रचना
44 काव्य दोष वह तत्व है जो रस की हानि करता है। परिभाषा है -    
 आचार्य विश्वनाथ की।
45 मम्मट ने काव्य दोष को वर्गीकृत किया -  
  शब्द, अर्थ व रस दोष में
46 श्रुति कटुत्व दोष है -    
 जहां परूश वर्णो का प्रयोग होता है।
47 परूष वर्णो का प्रयोग कहां वर्जित है -  
  शृंगार, करूण तथा कोमल भाव की अभिव्यंजना में
48 परूष वर्ग किस अलंकार में वर्जित नहीं है -       यमक आदि में
49 परूष वर्ण कब गुण बन जाते है -    
 वीर, रोद्र और कठोर भाव में
50 श्रुतिकटुत्व दोष किस वर्ग में आता है -    
 शब्द दोष में
51 काव्य में लोक व्यवहार में प्रयुक्त शब्दों का प्रयोग दोष है -    
ग्राम्यत्व
52 अप्रीतत्व दोष कहलाता है -    
 अप्रचलित पारिभाषिक शब्द का प्रयोग। यह एक शास्त्र में प्रसिध्द होता है, लोक में अप्रसिध्द होता है।
53 शब्द का अर्थ बड़ी खींचतान करने पर समझ में आता है उस दोष को कहा जाता है -    
 क्लिष्टतव
54 वेद नखत ग्रह जोरी अरघ करि सोई बनत अब खात...। में दोष है -  
  क्लिष्टत्व
55 वाक्य में यथा स्थान क्रम पूर्वक पदो का न होना दोष है -    
अक्रमत्व
56 अक्रमत्व का उदाहरण है -    
सीता जू रघुनाथ को अमल कमल की माल, पहरायी जनु सबन की हृदयावली भूपाल

57 दुष्क्रमत्व दोष होता है -       जहां लोक और शास्त्र के विरूध्द क्रम से वस्तु का वर्णन हो।
58 'आली पास पौढी भले मोही किन पौढन देत' में काव्य दोष है -    
 ग्रामयत्व
59 काव्य में पद दोष कितने है -  
   16
60 अर्थ दोष कहते है -    
 जहां शब्द दोष का निराकरण हो जाए, फिर भी दोष बना रहे वहां अर्थ दोष होता है।
61 वाक्य दोष होते है -    
21 इक्कीस
62 अलंकार के भेद होते है -    
 शब्दालंकार, अर्थालंकार, उभयालंकार
63 अलंकार कहते है -    
काव्य की शोभा बढाने वाले को।
64 काव्य में अर्थ द्वारा चमत्कार उत्पन्न करते है उसे कहते है -    
 अर्थालंकार
65 मानवीकरण अलंकार किसे कहते है -    
अचेतन अथवा मानवेतर जड़ प्रकृति पर मानव के गुणों एवं कार्य कलापों का आरोप कर उसे मानव सदृश्य सप्राण चित्रित किया जाता है। अमूर्त पदार्थ एवं भावों को मूर्त रूप दिया जाता है।
66 'मुनि तापस जिनते दुख लहही, ते नरेश बिनु पावक दहही' में अलंकार है -    
 विभावना
67 जहां वास्तव में विरोध न होने पर भी किंचित विरोध का आभास हो वहां अलंकार होता है -    
 विरोधाभास
68 प्रकृति पर मानव व्यवहार का आरोप किया जाता है वहां अलंकार है -    
 मानवीकरण
69 'मेघमय आसमान से उतर रही वह संध्या सुंदरी परी सी' में अलंकार है -    
 मानवीकरण
70 जहां बिना करण या विपरित कारण के रहते कार्य होने का वर्णन हो वहां अलंकार है -       विभावना
71 'लोचन नीरज से यह देखो, अश्रु नदी बह आई में अलंकार है' विभावना
72 अलंकारों की निश्चित परिभाषा दी है -  
   दण्डी ने काव्यादर्श में
73 शब्दालंकार के भेद है -       आठ
74 यमक अलंकार है-    
 जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और हर बार उसका अर्थ भिन्न हो।
75 'अपूर्व थी श्यामल पत्रराशि में कदम्ब के पुष्प कदम्ब की छटा' इस यमक अलंकार में कदम्ब का अर्थ प्रयुक्त हुआ है -    
 वृक्ष और समूह के लिए
76 यमक अलंकार का उदाहण है -    
-       फिर झट गुल कर दिया दिया को दोनों आंखे मीची
-       भजन कह्यो ताते भयो, भयो न एको बार
-       भयेऊ विदेह विदेह विसेखी
-       तीन बेर खाती ते वें तीन बेर खाती है
-       बसन देहु, व्रज में हमें बसन देहु ब्रजराज
-       सारंग ले सारंग चली, सारंग पूगो आय
77 अनेक अर्थो का बोध कराने वाला एक शब्द कविता में होता है उसे कौनसा अलंकार कहते है -       श्लेष

78 श्लेष अलंकार के उदाहरण है -  
   (रेखांकित)
-       जो घनीभूत पीड़ा थी, मस्तक में स्मृति छाई
-       दुर्दिन में आंसू बनकर वह आज बरसने आई
-       चली रघुवीर सिलीमुख धारी
-       पानी गये न उबरे मोती मानुष चून
-       नवजीवन दो घनश्याम हमें
-       सुबरन को ढूंढत फिरें कवि, कामी अरू चोर
79 सौंदर्यमलंकार उक्ति किसकी है -
    आचार्य वामन की
80 किसी प्रस्तुत वस्तु की उसके किसी विशेष गुण, क्रिया, स्वभाव आदि की समानता के आधार पर अन्य अप्रस्तुत से समानता स्थापित की जाए तो अलंकार होगा -       उपमा अलंकार
81 उपमा के अंग है -       उपमेय (प्रस्तुत), उपमान (अप्रस्तुत), वाचक, साधारण धर्म
82 पूर्णापमा कहते है -       जिसमें उपमा के चारों अंगों का उल्लेख हो।
83 लुप्तोपमा कहते है -  
  उपमा में चारों अंगों में से एक या एक से अधिक अंग लुप्त हो
84 पूर्णापमा के उदाहरण है -
     मुख कमल जैसा सुंदर है
-       कोमल कुसुम समान देह हो। हुई तप्त अंगारमयी
85 लुप्तोपमा के उदाहरण है -  
   मुख कमल जैसा
-       उन वर जिसके है सोहती मुक्तमाला वह नव नलिनी से नेत्रवाला कहा है
86 जब उपमा में एक उपमेय के अनेक उपमान हो तो अलंकार होगा -  
   मालोपमा
87 मालोपमा के उदाहरण है -    
-       मुख चंद्र और कमल समान है
-       नील सरोरूह, नील मनी, नील नीरधर श्याम
-       आशा मेरे हृदय मरू की मंजु मंदाकिनी
88 उपमेय में उपमान की संभावना को अलंकार कहते है -       उत्प्रेक्षा
89 उपमेय में संभावना की अभिव्यक्ति के शब्द है -       मानो, मनो, जानो
90 उत्प्रेक्षा, रूपक व उपमा से किस कारण अलग होता है -       संभावना

91 उत्प्रेक्षा अलंकार के उदाहरण है -    
-       मानो दो तारे क्षितिज जाल से निकले
-       शरद इंदिरा के मंदिर की मानो कोई गैल रही
-       देख कर किसी की मृदु मुस्क्यान, मानो हंसी हिमालय की है
-       विधु के वियोग से विकल मूक, नभ जला रहा था अपना उर
जलती थी तवा सदृश्य पथ की रज भी बनी भऊर
92 उत्प्रेक्षा अलंकार के भेद है -    
 वस्तुत्प्रेक्षा, हेतुत्प्रेक्षा, फलोत्प्रेक्षा
93 एक वस्तु में दूसरी वस्तु की संभावपा की जाती है (एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाता है) उसमें अलंकार होगा -  
  वस्तुत्प्रेक्षा
94 वस्तुत्प्रेक्षा अलंकार के उदाहरण है -    
-       लखत मंजु मुनि मण्डली मध्य सीय रघुचंद, ज्ञानसभा जनु तनु धरे भगति सच्चिानंद
-       जनु ग्रह दशा दूसह दुखदायी
-       हरि मुख मानो मधुर मयंक
95 हेतुत्प्रेक्षा अलंकार कहा जाता है -       इसमें अहेतु में हेतु की संभावना की जाती है, जो हेतु नहीं है उसे हेतु मान लिया जाता है।
96 हेतुत्प्रेक्षा अलंकार का उदाहरण है -    
-       अरूण भाये कोमल चरण भुवि चलिबे तें मानु
-       मुख सम नहि, याते मनों चंदहि छाया छाय
-      मुख सम नहि याते कमल मनु जल रह्ाो छिपाई
-       सोवत सीता नाथ के भृगु मुनि दीनी लात
-       वह मुख देख पाण्डू सा पडकर, गया चंद्र पश्चिम की ओर
97 फलोत्प्रेक्षा अलंकार कहते है -       अफल में फल (उद्देश्य) की संभावना की जाती है।
98 फलोत्प्रेक्षा के उदाहरण है -    
-       तब मुख समता लहन को जल सेवत जलजात
-      तब पद समता को कमल जल सेवत इक पांय
-       बढ़त ताड को पेड यह मनु चूमन आकाश
99 रूपक अलंकार कहते है -       जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाए यथा मुख कमल है । (उपमेय में उपमान का आरोप किया जाए)
100 रूपक अलंकार के भेद है -
    सांग रूपक, निरंग रूपक, परंपरित रूपक

101 सांग रूपक कहते है -  
   जब उपमेय पर उपमान का आरोप किया जाए साथ ही उपमान के अंगों का भी उपमेय के अंगों पर आरोप किया जाए।
102 सांग रूपक के उदाहरण है -    
-       उद्यो ! मेरी ह्दयतल था एक उद्यान न्यारा, शोभा देती अमिल उसमें कल्पना क्यारियां थी
-       न्यारे-      न्यारे कुसुम कितने भाव के थे अनेको, उत्साह के विपुल विटपी मुग्धकारी महा थे
103 जब केवल उपमान का आरोप उपमेय पर किया जाए तो रूपक होगा -       निरंग रूपक
104 निरंग रूपक के उदाहण है -    
-       चरन-      कमल मृदु मंजु तुम्हारे
-       हरि मुख मुदुल मयंक
105 परम्परित रूपक है -       परम्परित में दो रूपक होते है। एक रूपक दूसरे से परम्पराबध्द होता है।
106 परम्परित रूपक के उदाहरण है -    
-       आशा मेरे ह्दय मरू की मंजु मंदाकिनी है
-       रवि कुल-      कैरव विधु रघुनायक
-       उदयो ब्रज नभ आई यह हरि मुख मधुर मयंक
107 जब सादृश्य के कारण उपमेय में उपमान का भ्रम हो तो अलंकार होगा -       भ्रांतिमान अलंकार
108 भ्रांतिमान अलंकार के उदाहरण है -    
-       जानि श्याम को स्याम घन नाचि उठे वन मोर
-       ओस बिंदु चुग रही हंसिनी मोती उनको जान
-       मनि-      सुख मेली ठारि कपि देही
-       पट पोंछति चूनो समुझि नारी निपट अयानि
109 संदेह अलंकार की परिभाषा है -       जब सादृश्य के कारण एक वस्तु में अनेकन्य वस्तु के होने की संभावना पडे अौर निश्चय न हो पाए तब संदेह अलंकार होता है।
110 संदेह अलंकार की पहचान के वाचक शब्द है -       कि, किंधो, या, अथवा आदि
111 संदेह अलंकार के उदाहरण है -    
-       हे सखी! यह हरि का मुख है या चंद्रमा उगा है
-       कहहि सप्रेम एक-      एक वाही, राम लखन सखी हो हिं कि नाहीं
112 असंगति अलंकार है -       जब साथ रहने वाली वस्तुओं को अलग-      अलग स्थानों में रखा जाए।
113 असंगति अलंकार के उदाहरण है -    
-       पायन की सुधि भूल गयी, अकुलाय महावर आंखिन दीनो
-       आये जीवन देन घन, लागे जीवन लेन
114 विभावना अलंकार के उदाहरण है -    
-       बिनु पद चले, सुने बिनु काना
-       प्यास मिटी पानी बिना, मोहन को मुख देखि
-       सहस सवार जिते सवा लेकर सौ असवार
-       तेज छत्र धारिन हूं, असहन ताप करंत
115 सीतहहि लै दसकंध गयो, पै गयो है विचारो समुंदर बांध्यो में अलंकार है -       असंगति
116 लागत लाज लगाम नहिं, नैक न गहत मरो, होत तोहि लखि बाल के दृग तुरंग मुंह जोर में अलंकार है -       रूपक
117 घिर रहे थे घुंघराले बाल, अंस अवलम्बित मुख के पास नील घन शावक से सुकुमार सुधा भरने को विधु के पास में अलंकार होगा -       उत्प्रेक्षा
118 जब उपमेय और उपमान में भिन्नता होने पर भी समानता स्थापित की जाए तब अलंकार होगा -       उपमा
119 उपमेय पर उपमान का निषेध रहित आरोप होने पर अलंकार होगा -       रूपक
120 लता भवन तें प्रकट भे, तेहि औसर दोउ भाई, निकले जनु जुग विमल विधु, जलद पटल बिलगाए में अलंकार है -       उत्प्रेक्षा
121 सादृश्यस के कारण उपमेय में उपमान का संशय हो वहां अलंकार होगा -       संदेह
122 उत्प्रेक्षा अलंकार का लक्षण है -       उपमेय में उपमान की कल्पना
123 अलंकार व लक्षणों को सुमेलित कीजिए -    
-       यमक -       भिन्न अर्थ वाले वर्ण समुदाय की क्रमश: आवृति
-       श्लेष -       एक ही शब्द में अनेक अर्थो का अभिधान
-       असंगति -       कारण व कार्य के निरंतर सम्बन्ध के परित्याग के साथ विरोध का आभास
-       विभावना -       प्रसिध्द कारण के अभाव में कार्योत्पति का चमत्कारपूर्ण वर्णन
124 सादृश्य के कारण उपमेय को निश्चयपूर्वक उपमान समझ लिया जाए तब कौनसा अलंकार होगा -       भ्रांतिमान
125 जड़ प्रकृति के सजीव चित्रण के लिए छायावादी कवियों ने किस अलंकार का बहुतायत में प्रयोग किया -       मानवीकरण
126 बीती विभावरी जाग री, अम्बर पनघट में डूबो रही तारा घट उषा नागरी में अलंकार है -       रूपक और मानवीकरण
127 ऊंचे घोर मंदर के अंदर रहनवारी, ऊंचे घोर मंदर के अंदर रहाती है में अलंकार है -       यमक
128 यों-      यों बुडे स्याम रंग, त्यों-      त्यों उवल होय में अलंकार है -       विरोधाभास
129 वह इष्टदेव के मंदिर की पूजा सी, वह दीपशिख सी शांत भाव में लीन में अलंकार है -       उपमा
130 भ्रांतिमान, विरोधाभास, विभावना व श्लेष में अर्थालंकार नहीं है -       श्लेष
131 जहां काव्य में चमत्कार अर्थ पर आश्रित होता है, वहां अलंकार होगा -       अर्थालंकार
132 सोहत ओढे पीत पट, स्याम सलोने गात, मनो नीलमनि सैल पर आतपपरयो प्रभात में अलंकार है -       उत्प्रेक्षा
133 पानी केरा बुदबुदा अस मानुस की जात में अलंकार है-       उपमा
134 धीरे-      धीरे हिम आच्छादन हटने लगा धरातल से, जगी वनस्पतियां अलसाइ, मुख धोती शीतल जल से में अलंकार होगा -       मानवीकरण
135 बढत-      बढत सम्पति सलिल, मन सरोज बढ जाए, घटत-      घटत फिर ना घटे बरू समूल कुम्हिलाय में अलंकार है -       रूपक
136 इस काल मारे क्रोध के तनु कांपने उनका लगा, मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा में अलंकार है -       उत्प्रेक्षा
137 जानि स्याम घनश्याम को नाचि उठे वन मोर में अलंकार है -       भ्रांतिमान
138 मुनि तापस जिनते दुख लहही ते नरेश बिनु पावक दहही में अलंकार होगा -       विभावना
139 सारी बिच नारी है कि नारी बीच सारी है, सारी ही की नारी है कि नारी ही की सारी है में अलंकार है -       संदेह
140 उन्नत हिमालय से धवल यह सुरसरी यों टूटती मानो पयोधर से धरा के दुग्ध धारा छुटती में अलंकार होगा -       उत्प्रेक्षा
141 जय-      जय जय गिरिराज किशोरी, जय महेश मुख चंद्र चकोरी में अलंकार है -       रूपक
142 सरद सरोरूह नैन, तुलसी भरे सनेह जल में अलंकार है-       रूपक
143 है बिखेर देती वसुंधरा, मोती सबके सोने पर, रवि बटोर लेता है उनको सदा सवेरा होने पर में अलंकार है -       मानवीकरण
144 बिनु पद चलै, सुने बिनु काना, कर बिनु कर्म करै विधि नाना में अलंकार है -       विभावना
145 सरद सरोरूह नैन, तुलसी भरे सनेह जल में अलंकार है -       रूपक
146 पीपरपात-      सरिस मन डोला में अलंकार है -       उपमा
147 रहिमन जो गति दीप की कुल कपूत गति सोय, बारे उजियिारे लगे बढे अंधेरो होय में अलंकार होगा -       श्लेष
148 मेखलाकार पर्वत अपार, अपने सहस्त्र दृग सुमन फाड, अवलोक रहा था बार-      बार नीचे जल में निज महाकार में अलंकार दृष्टिगत होता है -       रूपक
149 नील परिधान बीच सुकुमार, खुल रहा मृदुल अधखुला अंग, खिला हो यों बिजली का फूल, मेघ वन बीच गुलाबी रंग में अलंकार है -       उत्प्रेक्षा व रूपक
150 निदंक नियरे राखिये, आंगन कुटी छवाय, बिनु पानी साबुन बिना, निरमल करत सुभाय में अलंकार है -       विभावना
151 या मुरली मुरलीधर की, अधरानधरी अधरा न धरोंगी में अलंकार है -       यमक
152 तुलसी सुरेश-      चाप, कैधों दामिनी कलाप, कैधो चली मेरू ते कृसानु सरि भारी है में अलंकार है -       संदेह
153 धनि सूखे भरे भादो मांहा, अबहु न आये सींचन नाहा में अलंकार है -       विरोधाभास
154 कपि करि हृदय विचार दीन्हि मुद्रिका डारि तब जानि असोक अंगार सीय हरिष उठि कर गह्यो में अलंकार है -       भ्रांतिमान
155 कहते हुए यो पार्थ के दो बूंद, आंसू गिर पडे, मानो हुए दो सीपियों से व्यक्त दो मोती बडे में अलंकार है -       उत्प्रेक्षा
156 भजन कह्यो तासो भयो, भयो न एकौ बार, दूरि भजन जासों कह्यो, सौ तै भयों गंवार में अलंकार है -       यमक
157 लोचन सारथ करत है, तिल उपजावत नेह में अलंकार है -       श्लेष
158 धीरे-      धीरे संशय से उठ, बढ अपयश से शीघ्र अछोर, नभ के उर में उमड मोह से फैल लालसा से निशि भोर में अलंकार है -       उपमा
159 उपमा के वाचक शब्द है -       समान, सम, सा, से सी आदि
160 उत्प्रेक्षा के वाचक शब्द है -       मनु, मानो, जनु, जनहू, जानो, मनहु आदि
161 रूपक के वाचक शब्द है -       कोई भी नहीं इसमें उपमेय और उपमान होते है।
162 जहां कारण एक स्थान पर तथा कार्य अन्य स्थान पर वर्णित किया जाए वहां अलंकार होता है-       असंगति
163 संदेह अलंकार के वाचक शब्द है = किधों, कैधों, या, अथवा

छन्द (ष्ट॥्हृष्ठ)
164 गणों की संख्या होती है -       आठ (य मा ता रा ज भा न स ल ग म)
165 गण में कितने वर्ण होते है -       तीन गुरु (स्स्स्)
166 रोला और उल्लाला के संयोग से बनने वाला छंद है -       छप्पय
167 वर्ण, मात्रा, गति, यति के नियमों से नियंत्रित रचना कहलाती है -       छंद
168 तीन वर्णो का समूह कहलाता है -       गण
169 किस गण में तीनों वर्ण गुरु होते है -       मगण
170 किस गण में तीनों वर्ण लघु होते है -       नगण
171 पात भरी सहरी सकल सुत बारे-      बारे। किस छंद का उदाहरण है -       कवित्त का
172 मात्रिक छंद कहते है -       मात्रिक छंद में एक मात्रा, दो मात्रा या संयुक्ताक्षर के आधार पर चरणों में मात्रा की गणना की जाती है। मात्रा संख्या का विधान होने से इन्हें मात्रिक छंद कहते है।
173 वर्णिक छंद की परिभाषा है -       वर्णिक छंद में वर्णो की गणना होतीी है इसके लिए गण विधान रहता है। चरण में गणों के अनुसार वर्ण रखे जाते है उसी के अनुसार यति-      गति रखी जाती है।
174 मात्रिक सम छंद है -       तोमर, चौपई, चौपाई, शृंगार, रोला, रूपमाला, गीतिका, हरिगीतिका, सोरठाा, उल्लाला
175 मात्रिक विषम छंद है-       कुण्डलिया, दोहा, रोला, छप्पय
176 वर्णिक सम छंद है-       इंद्रवज्रा, उपेन्द्र वज्रा, उपजाति, वंशस्थ, भुजंग प्रयात, तोटक, दु्रतविलम्बित, वसंततिलका, शिखरणी, मंदाक्रांता, मतगयंद, मालती
177 'किसको पुकारे, यहां रोकर अरण्य बीच, चाहे जो करो शरण्य शरण तिहारे है' में छंद है -       कवित्त
178 दिवस का अवसान समीप था। यह किस चरण का छंद है -       दु्रत विलम्बित
179 कवित्त छंद के प्रत्येक चरण में वर्णो की संख्या होती है -       31
180 हरिगीतिका छंद के प्रत्येक चरण में मात्राएं होती है -       28 तथा अंत में एक लघु एक गुरु
181 दिवस एक प्रभंजन का हुआ। अति प्रकोप घटा नभ में घिरी। किस वर्णिक छंद से समबन्धित है -       दुतविलम्बित
182 पदकमल धोई चढाई नाव न नाथ उतराई चहों। किस छंद से सम्बन्धित है -       सवैया
183 दोहा छंद के विषम चरणों की मात्राएं होती है-       13-      13
184 छंद शास्त्र में यति कहते है -       लय का अनुगमन करने वाले विरामों को
185 छंद शास्त्र में गति कहते है-       लय के अनुसार प्रवाह का निर्वाह करना
186 छंद शास्त्र में गति क्यों आवश्यक है-       मात्रिक छंदों में चरण की मात्राओं की सही गणना का ध्यान रखने के लिए।
187 किस छंद के प्रत्येक चरण में क्रमश: एक नगण, दो भगण और एक रगण होता है और प्रत्येक चरण में 12 वर्ण होते है-       दुतविलम्बित छंद में (न भा भ रा एवं 12 वर्ण)
188 दु्रतविलम्बित छंद के उदाहरण है -    
-       प्रबल जो तुम्हे में पुरूषार्थ हो, सुलभ कौन तुम्हे न पदार्थ हो
प्रगति के पथ में विचरो उठो। भुवन में सुख-      शांति भरो उठो
-       दिवस का अवसान समीप था, गगन कुछ लोहित हो चला
189 हरिगीतिका छंद का परिचय है -       यह मात्रिक छंद है। प्रत्येक चरण में कुल 28 मात्रा। 16-      12 पर यति। चरणांत में एक लघु तथा एक गुरु वर्ण होना आवश्यक
190 हरिगीतिका के उदाहरण है -    
-       जो चाहता संसार में कुछ मान औ सम्मान है, उसके लिए इस मंत्र से बढ कर न और विधान है
-      जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है, वह नर नहीं नर पशु निरा है और मृतक समान है।
191 कवित्त छंद की परिभाषा हे -       यह वर्णिक मुक्तक छंद है। इसमें केवल वर्णो की संख्या निश्चित रहती है। प्रत्येक चरण में 31 वर्ण होते है तथा 16 व 15 वर्णो पर यति होती है। इसे मनहरण कवित्त छंद भी कहते है।
192 मनहरण कवित्त या धनाक्षरी के उदाहरण है -    
-       पात भरी सहरी, सकल सुत बोर-      बोर, केवट की जाति, कुछु बेद ना पढाइहों
193 सवैया छंद का उदाहरण है -    
-       पदकमल धोई चढाई नाव न नाथ उतराई चहौं।
194 दोहा छंद के लक्षण है -       यह मात्रिक छंद है। इसमें विषम चरणों में 13-      13 मात्राएं तथा सम चरण में 11-      11 मात्राएं होती है। विषम चरण के अंत में जगण (ढ्ढ स् ढ्ढ) न रहे। सम चरण के अंत में लघु होता है।
195 दोहा छंद का उदाहरण है = नहीं पराग नहिं मधुर मधु,नहि विकास इही काल
-       मानस मंदिर में सती, पति की प्रतिमा थाप
जलती सी उस विरह में, बनी आरती आप
196 बत्तीस से अधिक मात्राओं के और छब्बीस से अधिक वर्णो के छंद कहलाते है -       दण्डक
197 छंद की प्रत्येक पंक्ति कहलाती है -       चरण
198 चारों चरणों में समान मात्राओं वाले छंद को कहते है -       मात्रिक सम छंद
199 छंद में पंक्ति का पहला व तीसरा चरण कहलाता है -       विषम
200 छंद में पंक्ति का दूसरा और चौथा चरण कहलाता है -       सम

हिंदी प्रश्नोत्तरी भाग 3



प्रश्‍न 1- किस युग को आधुनिक हिन्दी कविता का सिंहद्वार कहा जाता है।
उत्‍तर - भारतेन्दु युग को ।
प्रश्‍न 2- द्विवेदी युग के प्रवर्तक कौन थे।
उत्‍तर - महावीर प्रसाद द्विवेदी ।

प्रश्‍न 3- हिन्दी का पहला सामाजिक उपन्यास कौन सा माना जाता है।
उत्‍तर - भाग्यवती ।

प्रश्‍न 4- सन् 1950 से पहले हिन्दी् कविता किस कविता के रूप में जानी जाती थी।
उत्‍तर - प्रयोगवादी ।

प्रश्‍न 5- ब्रज भाषा का सर्वोत्त‍म कवि है।
उत्‍तर - सूरदास ।

प्रश्‍न 6- आदिकाल के बाद हिन्दी में किस साहित्य का उदय हुआ ।
उत्‍तर - भक्ति साहित्य का ।

प्रश्‍न 7- निर्गुण भक्ति काव्य के प्रमुख कवि है।
उत्‍तर - कबीरदास ।

प्रश्‍न 8- किस काल को स्वर्णकाल कहा जाता है।
उत्‍तर - भक्ति काल को ।

प्रश्‍न 9- हिन्दी का आदि कवि किसे माना जाता है।
उत्‍तर - स्व्यंभू ।

प्रश्‍न 10- आधुनिक काल का समय कब से माना जाता है।
उत्‍तर - 1900 से अब तक ।

प्रश्‍न 11- जयशंकर प्रसाद की सर्वश्रेष्ठ रचना कौन सी है।
उत्‍तर - कामायनी ।

प्रश्‍न 12- बिहारी ने क्या लिखे है।
उत्‍तर - दोहे ।

प्रश्‍न 13- कबीर किसके शिष्य थे।
उत्‍तर - रामानन्द ।

प्रश्‍न 14- पद्यावत महाकाव्य कौन सी भाषा में लिखा है।
उत्‍तर - अवधी ।

प्रश्‍न 15- चप्पू किसे कहा जाता है।
उत्‍तर - गद्य और पद्य मिश्रित रचनाओं को ।

प्रश्‍न 16- कलाधर उपनाम से कविता कौन से कवि लिखते थे।
उत्‍तर - जयशंकर प्रसाद ।

प्रश्‍न 17- रस निधि किस कवि का उपनाम है।
उत्‍तर - पृथ्वी सिंह ।

प्रश्‍न 18- प्रेमचन्द्र के अधुरे उपन्यांस का नाम है।
उत्‍तर - मंगलसूत्र ।

प्रश्‍न 19- हिन्दी का सर्वाधिक नाटककार कौन है।
उत्‍तर - जयशंकर प्रसाद ।

प्रश्‍न 20- तुलसीकृत रामचरित मानस में कौन सी भाषा का प्रयोग किया गया है।
उत्‍तर - अवधी भाषा का प्रयोग किया गया है।

प्रश्‍न 21- एकांकी के जन्मदाता कौन है।
उत्‍तर - धर्मवीर भारती ।

प्रश्‍न 22- मीराबाई ने किस भाव से कृष्ण की उपासना की ।
उत्‍तर - माधुर्य भाव से ।

प्रश्‍न 23- रामचरित मानस का प्रधान रस है।
उत्‍तर - शान्त रस ।

प्रश्‍न 24- सबसे पहले अपनी आत्मकथा हिन्दी में किसने लिखी ।
उत्‍तर - डॉं. राजेन्द्र प्रसाद ने ।

प्रश्‍न 25- हिन्दी कविता का पहला महाकाव्य् कौन सा है।
उत्‍तर - पृथ्वीराज रासो ।

प्रश्‍न 26- हिन्दी के सर्वप्रथम प्रकाशित पत्र का नाम क्या है।
उत्‍तर - उदन्ड मार्तण्ड ।

प्रश्‍न 27- हिन्दी साहित्य की प्रथम कहानी है।
उत्‍तर - इन्दुमती ।

प्रश्‍न 28- आंचलिक रचनाऍं किससे सम्बन्धित होती है।
उत्‍तर - क्षेत्र विषेश से ।

प्रश्‍न 29- पृथ्वीराज रासो किस काल की रचना है ।
उत्‍तर - आदिकाल की ।

प्रश्‍न 30- हिन्दी गद्य का जन्म दाता किसको माना जाता है।
उत्‍तर - भारतेन्दु हरिचन्‍द्र जी को ।

प्रश्‍न 31- कवि कालिदास की ‘अभिज्ञान शाकुन्त‍लम्’ का हिन्दी अनुवाद किसने किया।
उत्‍तर - राजा लक्ष्मणसिंह ने ।

प्रश्‍न 32- पद्य साहित्य को कितने भागों में बॉंटा गया है।
उत्‍तर - पन्द्रह भागों में ।

प्रश्‍न 33- कवि नरेन्द्र शर्मा ने राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के निधन से प्रभावित होकर कौन सी रचना की ।
उत्‍तर - रक्त चन्दन की रचना की ।

प्रश्‍न 34- नाट्यशास्त्रकारों द्वारा अमान्य रस कौन सा है।
उत्‍तर - वीभत्स रस ।

प्रश्‍न 35- काव्य शास्त्र का प्राचीनतम नाम क्या था।
उत्‍तर - अलंकार शास्त्र ।

प्रश्‍न 36- रीति सम्प्रदाय के संस्थापक कौन थे।
उत्‍तर - आचार्य वामन ।

प्रश्‍न 37- हिन्दी में काव्य शास्त्र के प्रथम आचार्य कौन है।
उत्‍तर - केशवदास ।

प्रश्‍न 38- साहित्य शब्द् किस शब्द से बना है।
उत्‍तर - सहित शब्द से बना है।

प्रश्‍न 39- हिन्दी साहित्य में जीवनी साहित्य का प्रारम्भ कौन से युग में हुआ ।
उत्‍तर - भारतेंदु युग में ।

प्रश्‍न 40- हिन्‍दी भाषा और सांहित्‍य के लेखक है।
उत्‍तर - श्‍यामसुंदरदास ।

प्रश्‍न 41- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । यह किसने कहा ।
उत्‍तर - अरस्तू ने ।

प्रश्‍न 42- भाषा किसे कहते है।
उत्‍तर - मनुष्य अपने मानसिक विचारों की अभिव्यक्ति के लिए जिस माध्यम का प्रयोग करता है। वह भाषा कहलाती है।

प्रश्‍न 43- भाषा शब्द की उत्पत्ति कहॉ से हुई है।
उत्‍तर - भाषा शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के भाष धातु से हुई है।

प्रश्‍न 44- सामान्य् शब्दों मे हम भाषा को किस तरह से व्यक्तु करेगे ।
उत्‍तर - भाषा वह साधन है । जिसके द्वारा मनुष्य अपने भावों या विचारों को बोलकर या लिखकर दूसरे मनुष्यो तक पहुँचाता है।

प्रश्‍न 45- भाषा को मोटे रूप में कितने भागों मे बांटा गया है।
उत्‍तर - भाषा को मोटे रूप में 2 भागों मे बांटा गया है।
1. लिखित भाषा
2. मौखिक भाषा

प्रश्‍न 46- हिन्दी भाषा का सम्बंन्ध किस लिपि से है।
उत्‍तर - देवनागरी लिपि से है।

प्रश्‍न 7- बोलने वालो की संख्या की दृष्टि से हिन्दी का विश्व मे कौन सा स्थान है।
उत्‍तर - तीसरा ।

प्रश्‍न 48- सूरदास के काव्य किस भाषा में है।
उत्‍तर - ब्रजभाषा में ।

प्रश्‍न 49- संविधान के किस अनुच्छे्द में कहा गया है – ‘’ संघ की राजभाषा हिन्दी् और लिपि देवनागरी होगी ‘’ ।
उत्‍तर - 343 वें अनुच्छेद में कहॉ गया ।

प्रश्‍न 50- हिन्दी शब्द‍ की व्युात्पात्ति कहॉ से हुई है।
उत्‍तर - सिंधु से ।

प्रश्‍न 51- वर्तमान हिन्दी का प्रचलित रूप कैसा है।
उत्‍तर - खडी बोली ।

प्रश्‍न 52- जिन ध्वनियों के संयोग से शब्दों का निर्माण होता है। उन्हें क्या कहते है।
उत्‍तर - वर्ण ।

प्रश्‍न 53- स्वरों की संख्या कितनी मानी गई है।
उत्‍तर - 11 ।

प्रश्‍न 54- हिन्दी मानक वर्ण माला में कुल कितने वर्ण है।
उत्‍तर - 52 ।

प्रश्‍न 55- अन्तस्थ व्यंजनों की संख्या कितनी है।
उत्‍तर - 4 ।

प्रश्‍न 56- हिन्दी वर्ण माला को कितने भागों में विभक्त किया गया है।
उत्‍तर - दो भागो में ।

प्रश्‍न 57- हिन्दो वर्ण माला में स्पर्श व्यंजनों की संख्या कितनी है।
उत्‍तर - 25 ।

प्रश्‍न 58- मात्रा के आधार पर हिन्दी स्वंरों के दो भेद कौन से है।
उत्‍तर - हस्वर और दीर्घ ।

प्रश्‍न 59- ‘ क्ष ‘ वर्ण किसके योग से बना है।
उत्‍तर - ‘’ क् + ष ‘’ से बना है।

प्रश्‍न 60- हिन्दी वर्ण माला में व्यंजनों की संख्या है।
उत्‍तर - 33 व्यंजन है।

प्रश्‍न 61- सूरदास का काव्‍य किस भाषा में है।
उत्‍तर - ब्रजभाषा में ।

प्रश्‍न 62- हिन्‍दी साहित्‍य सम्‍मेलन प्रयाग की स्‍थापना कब हुई ।
उत्‍तर - 1910 में ।

प्रश्‍न 63- संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्‍लेखित भारतीय भाषाओं की संख्‍या है।
उत्‍तर - 22 ।

प्रश्‍न 64- हिन्‍दी की विशिष्‍ट बोली ब्रज भाषा किस रूप में सबसे अधिक प्रसिद्ध है।
उत्‍तर - काव्‍य भाषा ।

प्रश्‍न 65- देवनागरी लिपि किस लिपि का विकसित रूप है।
उत्‍तर - ब्राम्‍ही लिपि ।

प्रश्‍न 66- रामायण महाभारत आदि ग्रन्‍थ कौन सी भाषा में लिखे गये है।
उत्‍तर - आर्यभाषा में ।

प्रश्‍न 67- विद्यापति की प्रसिद्ध रचना पदावली किस भाषा में लिखी गई है।
उत्‍तर - मैथिली में ।

प्रश्‍न 68- भारत में हिन्‍दी का संवैधानिक स्‍वरूप है।
उत्‍तर - राजभाषा । ।

प्रश्‍न 69- जाटू किस बोली का उपनाम है।
उत्‍तर - बॉगरू ।

प्रश्‍न 70- ''एक मनई के दुई बेटवे रहिन'' यह अवतरण हिन्‍दी की किस बोली में है।
उत्‍तर - भोजपुरी से ।

प्रश्‍न 71- हिन्दी का पहला नाटक है।
उत्‍तर - नहुष ।
प्रश्‍न 72- कबीरदास की भाषा थी।
उत्‍तर - सधुक्कडी ।

प्रश्‍न 73- कलम का जादूगर किसे कहा जाता है।
उत्‍तर - रामवृक्ष बेनीपुरी को ।

प्रश्‍न 74- प्रगतिवाद उपयोगितावाद का दूसरा नाम है। यह कथन किसका है।
उत्‍तर - रामविलास शर्मा ।

प्रश्‍न 75- रामचरितमानस में कुल कितने काण्ड है।
उत्‍तर - सात ।

प्रश्‍न 76- हिन्दी साहित्य के इतिहास के रचयिता कौन है।
उत्‍तर - आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ।

प्रश्‍न 77- गीत गोविन्द किस भाषा में है।
उत्‍तर - संस्कृत भाषा में ।

प्रश्‍न 78- लोक नायक किसको कहा जाता है।
उत्‍तर - तुलसीदास जी को ।

प्रश्‍न 79- इन्दिरापति किसे कहा जाता है।
उत्‍तर - विष्णु को ।

प्रश्‍न 80- पंचतंत्र क्या है।
उत्‍तर - कहानी संग्रह ।

रविवार, 6 मई 2018

हिंदी प्रश्नोत्तरी भाग 2



हिंदी संस्मरणों का विकास

1955  मुझे याद है  रामवृक्ष बेनीपुरी
1955  मैं भूल नहीं सकता  कैलाश नाथ काटजू
1955   बचपन की स्मृतियां राहुल सांकृत्यायन
1956   जिनका मैं कृतज्ञ रहा, मेरे असहयोग के साथी  राहुल सांकृत्यायन
1956  मंटो मेरा दुश्मन या मेरा दोस्त मेरा दुश्मन  उपेंद्रनाथ अश्क
19 57  जंजीरें और दीवारें  रामवृक्ष बेनी
1957  वे कैसे जीते हैं  श्रीराम शर्मा
1959  कुछ मैं कुछ वे   रामवृक्ष बेनीपुरी
1959  ज्यादा अपनी कम पराई  उपेंद्र नाथ अश्क
1959  मैं इनका ऋणी हूं  इंद्र विद्यावाचस्पति
1959  स्मृति कण सेठ  गोविंद दास
1950  प्रसाद और उनके समकालीन  विनोद शंकर व्यास
1962  अतीत की परछाइयां  अमृता प्रीतम
1962  कुछ स्मृतियां और स्फुट विचार  डॉक्टर संपूर्णानंद
1962  जाने-अनजाने  विष्णु प्रभाकर
1962  नए पुराने झरोखे  हरिवंश राय बच्चन
1962  समय के पांव  माखनलाल चतुर्वेदी
1963  जैसा हमने देखा  क्षेमचंद्र सुमन
1963  दस तस्वीरें  जगदीश चंद्र माथुर
1963   साठ वर्ष : एक रेखांकन  सुमित्रानंदन पंत
1965  कुछ शब्द कुछ रेखाएं  विष्णु प्रभाकर
1965  मेरे हृदय देव  हरिभाऊ उपाध्याय
1965  जवाहर भाई उनकी आत्मीयता और सहृदयता  राय कृष्णदास
1965  लोक देव नेहरू  रामधारी सिंह दिनकर
1965  वे दिन वे लोग  शिवपूजन सहाय
1966  चेहरे जाने पहचाने  सेठ गोविंददास
1966  स्मृतियां और कृतियां  शांतिप्रिय द्विवेदी
1967  चेतना के बिम्ब  डॉ नागेन्द्र
1968  गांधी संस्मरण और विचार  काकासाहेब कालेलकर
1968  घेरे के भीतर और बाहर  डॉक्टर हरगुलाल
1968  बच्चन निकट से  अजीत कुमार एवं ओंकारनाथ श्रीवास्तव
1968  स्मृति के वातायन से  जानकी वल्लभ शास्त्री
1969  चांद  पद्मिनी मेनन
1969  स्मरण और श्रद्धांजलि  रामधारी सिंह दिनकर
1970  व्यक्तित्व की झांकियां  लक्ष्मीनारायण सुधांशु
1971  जिन्होंने जीना जाना  जगदीश चंद्र माथुर
1971  स्मारिका  महादेवी वर्मा
1972  अंतिम अध्याय  पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी
1973  जिनके साथ जिया  अमृतलाल नागर
1974  स्मृति का  लक्ष्मी शंकर व्यास
1975  मेरा हमदम मेरा दोस्त  कमलेश्वर
1975  रेखाएं और संस्मरण  क्षेमचन्द्र सुमन
 1975  चंद संतरे और  अनीता राकेश
1976  बीती यादें  परिपूर्णानंद
1976  मैंने स्मृति के दीप जलाएं  रामनाथ सुमन
1977  मेरे क्रांतिकारी साथी  भगत सिंह
1977 हम हशमत  कृष्णा सोबती
1978  कुछ ख्वाबों में कुछ ख्यालों में  शंकर दयाल सिंह
1978  संस्मरण को पाथेय बनने दो  विष्णुकांत शास्त्री
1979  अतीत के गर्त से  भगवती चरण वर्मा
1979  पुनः   सुलोचना रांगेय राघव
1979  श्रद्धांजली संस्मरण  मैथिलीशरण गुप्त
1980  यादों के झरोखे  कुमार सुरेश सिंह
 1981  औरों के बहाने  राजेंद्र यादव
1981  यादों की तीर्थयात्रा  विष्णु प्रभाकर
1981  जिनके साथ जिया  अमृतलाल नागर
1981  सृजन का सुख दुख  प्रतिभा अग्रवाल
1982  संस्मरणों के सुमन  रामकुमार वर्मा
1982  स्मृति लेखा   अज्ञेय
1982  आदमी से आदमी तक  भीमसेन त्यागी
1983  निराला जीवन और संघर्ष की मूर्तिमान रूप   डॉक्टर ये  पे  चेली सेव
1983  मेरे अग्रज मेरे मीत  विष्णु प्रभाकर
 1983  युगपुरुष  रामेश्वर शुक्ल अंचल
 1984  वन तुलसी की गंध  फणीश्वर नाथ रेणु
1984  दीवानखाना  पद्मा सचदेव
1986  रस गगन गुफा में  भगवती शरण उपाध्याय
1988  हजारी प्रसाद द्विवेदी कुछ संस्मरण  कमल किशोर गोयनका
1989  भारत भूषण अग्रवाल कुछ यादें कुछ चर्चाएं  बिंदु अग्रवाल
1990  सृजन के सेतु   विष्णु प्रभाकर
1992  जिनकी याद हमेशा रहेगी  अमृतराय
1992  याद हो कि न याद हो  काशीनाथ सिंह
1992  सुधियां उस चंदन के वन की  विष्णुकांत शास्त्री
1994  लाहौर से लखनऊ तक  प्रकाशवती पाल
1994  सप्तपर्णी  गिरिराज किशोर
1995  अग्निजीवी   प्रफुल्ल चंद्र ओझा
1995  मितवा घर  पद्मा सचदेव
1995  लौट ओ धार  दूधनाथ सिंह
1995  स्मृतियों के छंद  रामदरश मिश्र
 1996  अभिन्न   विष्णु चंद्र शर्मा
1996  सृजन के सहयात्री  रवींद्र कालिया
1998  यादें और बातें  विंदू अग्रवाल
1998  हम हशमत भाग 2  कृष्णा सोबती
2000    अमराई   पद्मा सचदेव
2000  नेपथ्य नायक लक्ष्मी चंद्र जैन  मोहन किशोर दीवान
2000  याद आते हैं  रमानाथ अवस्थी
2000  यादों के काफिले  देवेंद्र सत्यार्थी
2000  वे देवता नहीं है  राजेंद्र यादव
2001  अंतरंग संस्मरणों में प्रसाद  संपादक पुरुषोत्तम दास मोदी
2001  एक नाव के यात्री  विश्वनाथ प्रसाद तिवारी
2001  प्रदक्षिणा अपने समय की  नरेश मेहता
2002  काशी का अस्सी  काशीनाथ सिंह
2002  नेह  के नाते अनेक  कृष्ण बिहारी मिश्र
2002  लखनऊ मेरा लखनऊ  मनोहर श्याम जोशी
2002  स्मृतियों का शुक्ल पक्ष  डॉ रामकमल राय
2002  चिड़िया रैन बसेरा  विद्यानिवास मिश्र
2002  लौट कर आना नहीं होगा  कांति कुमार जैन
2003  आंगन के बंदनवार  विवेकी राय
2003  रघुवीर सहाय रचनाओं के बहाने एक संस्मरण  मनोहर श्याम जोशी
2004  तुम्हारा परसाई  कांति कुमार जैन
2004  पर साथ  साथ चल रही याद  विष्णुकांत शास्त्री
2004  अच्छे दिन पाछे गए  काशीनाथ सिंह
2004  नंगातलाई का गांव  डॉ विश्वनाथ त्रिपाठी
2004   लाई हयात आए  लक्ष्मीधर मालवीय
2005  मेरे सुहृद  मेरे श्रद्धेय  विवेकी राय
2005  सुमिरन को बहानो  केशव चंद्र वर्मा
2006  घर का जोगी जोगड़ा  काशीनाथ सिंह
2006  जो आईना है  मधुरेश
2007    अब तो बात फैल गई  कांति कुमार जैन
2007  एक दुनिया अपनी  डॉ रामदरश मिश्र
2009  कविवर बच्चन के साथ  अजीत कुमार
2009  कालातीत  मुद्राराक्षस
2009  कितने शहरों में कितनी बार  ममता कालिया
2009  कुछ यादें कुछ बातें  अमरकांत
2009  दिल्ली शहर दर शहर  डॉक्टर निर्मला जैन
2009  मेरी भोजपत्र  चंद्रकांता
2009   हाशिए की इबारतें  चंद्रकांता

शनिवार, 5 मई 2018

प्रश्नोत्तरी भाग 1

   📕📕 *( महत्वपप्रश्नोत्तरी भाग 1:-   
    1-: "लालचंद्रिका" के रचयिता कौन हैं तथा यह क्या हैं ?
    2-: "बीसलदेव रासो" किसकी रचना हैं ?
    3-: "काव्यालंकार संग्रह "के रचयिता कौन हैं ?
    4-: "मधुमालती " किस सूफी कवि की रचना हैं ?
    5-: नायिका भेद पर लिखा गया ग्रंथ "रसमंजरी "के रचयिता कौन हैं ?
    6-: कृपाराम की नायिका भेद की सबसे पुरानी रचना कौनसी हैं ?
    7-: "कविकुल कल्पतरू "नामक ग्रंथ के रचयिता कौन हैं ?
    8-: "छत्र प्रकाश "के रचयिता कौन हैं ?
    9-: सखी सम्प्रदाय का दूसरा नाम क्या हैं ? 
   10-: "प्रयोगवाद " शब्द का सबसे पहले प्रयोग किसने किया ? 
   11-: "उत्तरायण " महाकाव्य के रचयिता कौन है ?
   12 -: "काव्यादर्श " के रचयिता कौन हैं ? 
   13-: "कोर्ट मार्शल " नामक नाटक के रचयिता कौन है ?
   14-: "अन्या से अनन्या " नामक आत्मकथा के रचयिता कौन है ?
   15-: "पहला गिरमिटिया " उपन्यास के लेखक कौन है ?
   16-: " साकेत एक अध्ययन" किसकी कृति हैं  ?
   17-: "दिल एक सादा कागज "उपन्यास के रचयिता कौन हैं ?
   18-: "फूल नहीं रंग बोलते हैं" उक्त काव्य संग्रह किस कवि का हैं ?
   19-: "एक चूहे की मौत" नामक उपन्यास के रचयिता कौन हैं ?
   20-: "हिन्दी साहित्य के अस्सी वर्ष"नामक आलोचना ग्रंथ किसके द्वारा लिखा गया हैं ?
   21-: " मवाली " नामक कहानी के रचयिता कौन हैं ?
   22-: "गुल की बन्नों " नामक कहानी के कहानीकार कौन हैं ?
   23-: "कुवलयमाला कथा" के रचनाकार  कौन हैं ?
   24-: खुसरों की रचना "खालिकबारी"किस भाषा का शब्दकोश है ?
   25-: किस समीक्षक ने  "विद्यापति की पदावलियो" को  जीव और परमात्मा के संबंध का रूपक माना हैं ?           26-: सिंधी भाषा का विकास अपभ्रंश की किस बोली से माना जाता हैं ?
   27-:  "सबरस " के रचयिता कौन हैं ?
   28-: फोर्ट विलियम कोलेज् की स्थापना कब हुई ?
   29-:  "बेकसी का मजार " उपन्यास के रचयिता कौन हैं ?
   30-: " सरस्वती "पत्रिका के प्रथम सम्पादक कौन हैं ?
   31-: काव्य-गुणों के प्रतिष्ठापक आचार्य कौन हैं ?
   32-: " वैदग्धाभंगी भणिति " किसका सुत्र हैं ?
   33-: 'हिन्दी जाति की अवधारणा' के पुरस्कर्ता ( आविष्कारक) कौन हैं ?
  Answer ========  1-:लल्लूलाल जी बिहारी सतसई की टीका हैं । 2-: नरपतिनाल्ह । 3-: उद् भट् । 4-: मंझन 5-: नन्ददास 6-: हिततरंगिनी 7-: चिंतामणि 8-: लाल कवि 9-: हरिदासी सम्प्रदाय 10-: नन्द दुलारे वाजपेयी  11-: डां. रामकुमार वर्मा 12-: दण्डी 13-: स्वदेश दीपक 14-: प्रभा खैतान 15-: श्री गिरीराज किशौर 16-: डां. नगेन्द्र 17-: राही मासूम रज़ा 18-: कैदारनाथ अग्रवाल 19-: बदीउज़्जमा् 20-: शिवदान सिंह  21-: मोहन राकेश 22-: धर्मवीर भारती 23-:उद् धोतन सूरी 24-: फारसी भाषा का 25-: रामवृक्ष बैनीपुरी 26-: ब्राचण अपभ्रंश से 27-: मुल्ला वजही 28-:  सन्1800 ई. में 29-: प्रतापनारायण श्रीवास्तव 30-: बाबू श्यामसुन्दर दास  31-: आचार्य वामन 32-: आचार्य कुन्तक 33-: डां़ रामविलास शर्मा 

मित्रो सभी को मेरा नमस्कार मै हिंदी साहित्य के लिए प्रश्नोत्तरी सुरु करने जा रहा हूँ जिससे हिंदी साहित्य से अपना कैरियर बनाने बाले छात्रों को मदद मिल सके अपनी राय जरूर बताना धन्यबाद


विलोम शब्द

#हिंदी__विलोम__शब्द: (#अति_महत्वपूर्ण )  1.अग्र – पश्च 2. अज्ञ – विज्ञ 3. अमृत -विष 4. अथ – इति 5. अघोष – सघोष 6. अधम – उत्तम 7. अपकार – उपक...