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शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

कवि बिहारी स्पेशल नोट्स जन्म -1595 स्थान -ग्वालियर मृत्यु,-1663 जाति-माथूर चतुर्वेदी बिहारी सतसई का रचना काल -1662  भाषा -ब्रज छंद -दोहा 713 का०य स्वरूप -मुक्तक काव्य प्रमुख रस -संयोग श्रृंगार रस विशेष :-              👉  बिहारी रीतिकाल के सर्वश्रेष्ठ कवि हैं । 👉      यह आचार्यत्व न स्वीकार करने वाले कवि हैं। 👉हिन्दी में समास पद्धति की शाक्ति का सर्वाधिक परिचय बिहारी ने दिया है । 👉बिहारी सतसई की प्रथम टीका लिखने वाले-कृष्ण कवि 👉बिहारी सतसई के दोहों का पलवन रोला छंद में करने वाले-अंबिकादत व्यास 👉कृष्ण कवि ने बिहारी सतसई की टीका किस छंद में लिखी - सवैया छंद में 👉बिहारी सतसई को शाक्कर की रोटी कहने वाले -पद्मसिंह शर्मा  👉बिहारी के दोहों का संस्कृत में अनुवाद करने वाले- परमानन्द 👉प२मानन्द ने बिहारी सतसई के दोहों का संस्कृत में किस नाम से अनुवाद किया - श्रृंगार सप्तशती 👉बिहारी सतसई के प्रत्येक दोहें पर छंद बनाने वाले - कृष्ण कवि 👉बिहारी सतसई की रसिकों  के हृदय का घर कहने वाले -हजारी प्रसाद द्विवेदी  👉बिहारी को हिन्दी का चौथा रतन मानने वाले -लाला भगवानदीन 👉बिहारी को रीतिकाल का सर्वाधिक लोकप्रिय कवि कहने वाले -हजारी प्रसाद द्विवेदी 👉बिहारी के दोहों पर प्रसन्न होकर राजा जयसिंह ने इन्हें कौनसा गाँव पुरस्कार में दिया -काली पहाड़ी 👉इनके दोहे क्या है रस के छोटे छोटे छींटे हैं  कथन किसका है-रामचन्द्र शुक्ल का कथन है 👉"इनकी  कविता श्रृंगारी है किन्तु प्रेम की उच्च भूमि पर नही पंहुचती , नीचे रह जाती है "कथन है- रामचन्द्र शुक्ल का 👉बिहारी की भाषा चलती होने पर भी साहित्यिक है कथन है -रामचन्द्र शुक्ल का 👉शुक्ल ने बिहारी सतसई के किस पक्ष का उपहास किया है-वियोग वर्णन का  👉किसने बिहारी को ऐसा पीयूष वर्षी मेघ कहा है जिसके उदय होते ही सूर और तुलसी आच्छादित हो जाते हैं- राधाचरण गोस्वामी ने 👉बिहारी सतसई की "रामचरितमानस" के बाद सबसे अधिक प्रचारित कृति मानने वाले -  श्यामसुन्दर दास 👉बिहारी को हिन्दी साहित्य का बेजोड़ कवि मानने वाले - विश्वनाथ सिंह 👉बिहारी की वागविभूति के लेखक- विश्वनाथ सिंह 👉सम्पूर्ण विश्व में बिहारी सतसई के समकक्ष कोई रचना प्राप्त नही होती कथन है- ग्रियर्सन का 👉फिरंगे सतसई के रचनाकार -आनंदीलाल शर्मा 👉बिहारी सतसई की टीका "अमरचन्द्रिका"नाम से लिखने वाले -सूरति मिश्र 👉बिहारी सतसई की सरल टीका -लाला भगवानदीन 👉बि हारी सतसई की टीका "लाल चान्द्रिका"नाम से लिखने वाले-लल्लू लाल 👉राम सतसई - राम सहाय दास 👉सतसई  बरनार्थ - ठाकुर 👉बिहारी सतसई की सर्वश्रेष्ठ टीका लिखने वाले जगन्नाथ दास रत्नाकर 👉जगन्नाथ दास रत्नाकर ने किस नाम से टीका लिखी - बिहारी रत्नाकर 👉बिहारी रत्नाकर खड़ी बोली में लिखी गई है। 👉बिहारी सतसई की टीका ब्रज भाषा में लिखने वाले - राधा कृष्ण चौबे 👉मुंशी देवी प्रसाद ने उर्दू शेरों में बिहारी सतसई का अनुवाद किया है। 👉आनंदीलाल शर्मा की फिरंगे सतसई फारसी में रचित है

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