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शनिवार, 24 अक्टूबर 2020

"असाध्य वीणा पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्नोतर"

 "असाध्य वीणा पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्नोतर"


1. ’असाध्य वीणा’ किस देश की लोक कथा पर आधारित है –

⇒ चीनी

2. ’असाध्य वीणा’ नामक कविता में बौद्ध धर्म के किस सिद्धान्त की भावपूर्ण अनुभूति है –

⇒ तथता सिद्धान्त

3. ‘असाध्य वीणा’ कविता ली गई है –

⇒ ‘आँगन के पार द्वार’ से

4. ’असाध्य वीणा’ का निर्माण किस दिव्य व महान जीवनदायक वृक्ष से हुआ था –

⇒ किरीट तरू

5. ’असाध्य वीणा’ का निर्माण किस संगीतकार के जीवनभर की साधना थी –

⇒ वज्रकीर्ति

6. ‘आँगन के पार द्वार’ कृति हेतु अज्ञेय को पुरस्कार मिला-

⇒ साहित्य अकादमी

7. अज्ञेय को सन् 1978 में किस रचना पर भारतीय ज्ञान पीठ पुरस्कार मिला –

⇒ कितनी नावों में कितनी बार

8. केशकंबली प्रियवंद कहाँ रहता था –

⇒ गुफा में

9. अज्ञेय को ‘आँगन के पार द्वार’ कृति पर कब साहित्य पुरस्कार मिला ?

⇒ 1964 ई. में

10. किरीट तरू से कौन अपना शरीर खुजलाते थे –

⇒ शेर

11. ’असाध्य वीणा’ से अवतरित संगीत की अभिव्यक्ति थी-

⇒ सब के लिए अलग-अलग

12. ‘वीणा’ का निर्माण किया था-

⇒ वज्रकीर्ति ने

13. जब वीणा मौन हो गई तो प्रियवंद ने उसे गोदी से उठाकर धीरे से नीचे रखा तो कवि ने उस समय वीणा की तुलना किससे की है –

⇒ सोये हुए शिशु से

14. वीणा से संगीत के अवतरित होने की खुशी में रानी ने खुश होकर प्रियवंद को क्या दिया –

⇒ सतलङा हार

15. ‘कोई ज्ञानी गुणी आज तक इसे न साध सका’ यह कथन है-

⇒ राजा का प्रियवंद के प्रति

16. किरीट तरू की कोटर में कवि के अनुसार कौन सोता है –

⇒ भालू

17. वीणा का जो संगीत अवतरित हुआ उसमें रानी ने क्या सुना –

⇒ अनन्य प्रेम सर्वोपरि है।

18. ‘असाध्या वीणा’ नाम प्रसिद्ध हुआ, क्यों ?

⇒ वीणा को कोई बजा नहीं सका

19. किरीट वृक्ष को किसका अग्रज बताया है –

⇒ झारखंड

20. वज्रकीर्ति ने वीणा को किरीट तरू से अभिमंत्रित करके बनाया था लेकिन उसकी हठ साधना क्या थी –

⇒ वीणा को हर कोई साध नहीं सके।

21. ‘राजन ! पर मैं तो कलावन्त हूँ नहीं’ कथन है-

⇒ प्रियवंद (केशकम्बली का)

22. भरोसा है अब मुझको साध आज मेरे जीवन की पूरी होगी! यह कथन किसका है –

⇒ राजा

23. ओ दीर्घकाय ओ पूरे झारखंड के अग्रज, तात, सखा, गुरु, आश्रय त्राता महच्छाय। यह किसे कहा गया है –

⇒ किरीट वृक्ष

24. ‘असाध्य वीणा’ कविता में व्यक्त हुआ है-

⇒ प्रकृति का ध्वन्यात्मक व आलम्बन रूप

25. ’’तू गा मेेरे, अँधियारे अन्तस् में आलोक जगा स्मृति का श्रुति का।’’ किसे गानेे के लिए कहा गया है –

⇒ किरीट वृक्ष

26. ‘हठ साधना यही थी उस साधक की’ पंक्ति किस के लिए कही गई है ?

⇒ वज्रकीर्ति के लिए

27. ‘राजा जागे……..समाधिस्थ संगीतकार का हाथ उठा…….’ पंक्तियों में रेखांकित पद प्रयुक्त हुए हैं –

⇒ प्रियवंद के लिए

28. ’अज्ञेय’ की कविताओं की विशेषता है –

⇒ भाषा-शिल्प व उपनामों की नवीनता

29. कवि अज्ञेय द्वारा रचित ’असाध्य वीणा’ किस काव्य संग्रह में संकलित है –

⇒ आँगन के पार द्वार

30. ‘प्रिय पाठक ! यों मेरी वाणी भी मौन हुई’’ किसकी वाणी मौन हुई ?

⇒ अज्ञेय की

31. अज्ञेय जी द्वारा सम्पादित तार सप्तक का प्रकाशन कब हुुआ –

⇒ 1943

32. अज्ञेय का जन्म कब हुआ था –

⇒ 1911

33. ‘असाध्य वीणा’ का निर्माण किस वृक्ष की लकड़ी से हुआ था ?

⇒ किरीटी तरु की

34. किरीट वृक्ष की जङे पाताल लोक तक पहुँच गई थी, वहाँ कौन उसकी सुगन्धी के आकर्षण में सोता था-

⇒ वासुकि नाग

35. वीणा का नाम असाध्य वीणा क्यों पङा –

⇒ वीणा को कोई बजा नहीं सका था।

37.प्रियवंद के अनुसार वीणा साधना संभव कैसे हुआ –

⇒ शून्य और मौन से

38. वीणा का स्वर संगीत राजा ने किस रूप में सुना –

⇒ वरमाल लिए विजयश्री के रूप में

39. ‘कौन प्रियवंद है कि दम्भ कर

इस अभिमन्त्रित कारूवाद्य के सम्मुख आवे ?’’ कथन है-

⇒ प्रियवंद का

40. प्रियवंद ने वीणा की साधना कैसे की –

⇒ अपने आप को किरीट तरू में समर्पित कर

41. वीणा का स्वर सुनकर राजा का राजमुकट हल्का हो गया राजमुकट की तुलना उस समय किससे की गई थी –

⇒ शिरीष के फूल

42. किरीट वृक्ष के कानों में कौन रहस्य कहा करते थे-

⇒ हिमशिखर

43. आ गए प्रियवंद! केश कम्बली! गुफा-गेह! राजा ने आसन दिया। राजा के मन में कौनसा भाव था –

⇒ कृतज्ञता

44. उसके कानों में हिमशिखर रहस्य कहा करते थे। अपने कन्धों पर बादल सोते थे। उसकी करि-शुण्डों-सी डालें हिम-वर्षा से पूरे। यहाँ किसका वर्णन है –

⇒ किरीट वृक्ष

45. एक चोट वह संचित संगीत जिसे रचने में स्वयं ना जाने कितनो के स्पंदित प्राण रच गये। असाध्य वीणा के बारे में यह किसने सोचा –

⇒ प्रियवंद

46. धीरे बोलाः राजन! पर मैं तो कलांवत हूँ नहीं, शिष्य साधक हूँ। यह किसने कहा –

⇒ प्रियवंद

47. ’अज्ञेय’ का प्रसिद्ध कहानी संग्रह है –

⇒ विपथगा

48. ‘अनकथ मंगलगान सुनायें’’ किसने ?

⇒ झिल्ली ने

49. रस-विद तू गाः

किसके लिए कहा गया है ?

⇒ किरीट वृक्ष के लिए

50. ‘‘कमल-कुमुद पत्रों पर चोर-पैर द्रुत धावित’’ यह पंक्ति किसकी ओर संकेत करती हैं ?

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