दलित आत्मकथाएँ
१.मोहनदास नैमिशराय- अपने2 पिंजरे(1995 दो भाग)
२.ओमप्रकाश वाल्मीकि- जूठन(1997,2013 दो भाग)
३.कौशल्या बैसन्ती- दोहरा अभिशाप(1999)
४.माता प्रसाद- झोपडी से राजभवन(2002)
५.सूरजपाल सिंह चौहान- तिरस्कृत(2002)
६.रमाशंकर आर्य- घुटन(2005)
७.तुलसीराम- मुर्दहिया(2010 भाग 1),
मणिकर्णिका(2013 भाग2)
८.डी आर जाटव- मेरा सफर मंजिल(2000)
९.धर्मवीर- मेरी पत्नी और भेड़िया(2009)
१०.सुशीला टाकभौरे- शिकंजे का दर्द(2011)
【इनमे जूठन बहुत इंपोर्टेंट है】
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