प्रेमचंद से संबंधित कृतियां
1. प्रेमचंद घर में - शिवरानी देवी
2. कलम का मजदूर - मदन गोपाल ( अंग्रेजी में)
3. कलम का सिपाही - अमृत राय
4. प्रेमचंद: सामंतों के मुंशी - धर्मवीर
5. प्रेमचंद: साहित्यिक विवेचना - नंददुलारे वाजपेयी
6. प्रेमचंद: एक विवेचना - इन्द्रनाथ मदान
7. प्रेमचंद: जीवन और कृतित्व - हंसराज रहबर
8. प्रेमचंद: चिंतन और कला - इंद्रनाथ मदान
9. प्रेमचंद: विश्व कोश - कमलकिशोर गोयनका
10. प्रेमचंद और उनका साहित्य - मन्मथ नाथ गुप्त
11. प्रेमचंद और गांधीवाद - रामदीन गुप्त
12. प्रेमचंद अध्ययन की नई दिशांए - क.कि.गोयनका
13. प्रेमचंद के उपन्यसों का शिल्पविधान -
क.कि.गोयनका
14. प्रेमचंद की कहानियों का कालक्रमानुसार अध्ययन
- क.कि. गोयनका
15. प्रेमचंद की उपन्यास यात्रा: नव मुल्यांकन - शैलेश
जेदी
16. प्रेमचंद और उनका युग - रामविलास शर्मा
❣बिहारी सतसई और बिहारी के बारे में❣
1) हजारी प्रसाद द्विवेदी--"रीतिकाल के सबसे अधिक लोकप्रिय कवि बिहारी हैं"
2)आचार्य शुक्ल--"इसमें तो रस के ऐसे छींटे पड़ते है जिनसे ह्र्दयकलिका थोड़ी देर के लिए खिल उठती है"
"इनका एक एक दोहा हिंदी साहित्य में एक एक रत्न माना जाता है"
"मुक्तक कविता में जो गुण होना चाहिए वह बिहारी की कविता में अपने चरम उत्कर्ष को पहुंचा है"
3)लाला भगवानदीन--"बिहारी हिंदी का चौथा रत्न है"
4)राधाचरण गोस्वामी--"यदि सूर-सूर, तुलसी-ससी, उडुगन-केशवदास है तो बिहारी पीयुष-वर्षी मेघ हैं, जिसके उदय होते ही सब का प्रकाश आछन्न हो जाता है"
5) Imperial gazetteer में हिंदी के केवल तीन कवियों की चर्चा हुयी=तुलसी,सूर,बिहारी
उसमे बिहारी के विषय में लिखा है-- "Satsaiya is one of the daintiest pieces in any indian languages"
6)विश्वनाथ प्रसाद--"प्रेम के भीतर उन्होंने सब प्रकार की सामग्री सब प्रकार के वर्णन प्रस्तुत किये और वे भी इन सात सौ दोहो में ही"
7)मिश्रबंधु--"इस एक छोटे से ग्रन्थ में इस कविरत्न ने मानो समुद्र कूजे में बंद कर दिया है"
8)गणपति चन्द्र गुप्त--उनके व्यक्तित्व में तीनो गुणों (प्रतिभा,अध्ययन,अभ्यास) का समन्वय मिलता है
9)डॉ. ग्रियर्सन(लाल चन्द्रिका की भूमिका में)--
"Biharilal has been called the Thompson of india××× I know noting like his verses in any european language
10)प्रबंध काव्यों में रामचरितमानस की जो प्रतिष्ठा है वह मुक्तक के क्षेत्र में बिहारी सतसई को प्राप्त हुई है
11) बिहारी सतसई पर आर्या सप्तशती और गाथा सप्तशती का प्रभाव है
12) हिंदी में श्रृंगार सतसई की परम्परा का सूत्रपात करने वाले बिहारी ही हैं
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें