आदिकाल के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ
1. सरहपाद (769 ई.) : दोहाकोश।
2. स्वयम्भू (8वीं सदी) : 1.पउम चरिउ (पद्म-चरित, रामकाव्य), 2. रिट्ठणेमि चरिउ, 3.नागकुमार चरिउ, 4. स्वयम्भू छंद (पउम चरिउ (रामकाव्य) के कारण स्वयंभू को अपभ्रंश का वाल्मीकि कहा जाता है)।
3. जोइन्दु (8वीं शती) : परमप्पयासु (परमात्म प्रकाश, मुक्तक काव्य), योगसार
4. पुष्पदंत (10वीं सदी) : महापुराण, णायकुमार चरिउ (नागकुमार-चरित), जसहर चरिउ (यशधर-चरित), कोश ग्रंथ। महापुराण में इन्होंने कृष्णलीला का वर्णन किया है, इसलिए अपभ्रंश का व्यास कहा जाता है।
5. धनपाल (10वीं सदी) : भविसयतकहा (भविष्यदत्त कथा, एक बनिए की कहानी)
6. देवसेन : श्रावकाचार (933 ई., सावयधम्म दोहा, डॉ. नगेन्द्र के अनुसार हिन्दी का पहला काव्यग्रंथ), लघुनयचक्र, दर्शनसार, तत्वसार,भावसंग्रह, ।
7. मुनि राम सिंह : पाहुड़ दोहा (11वीं शती)
8. मुनि कनकामर : करकण्ड चरिउ (11वीं शती)
9. नयनन्दी : सुदंसणचरिउ (11वीं शती)
10. वीर : जम्बूसामिचरिउ (11वीं शती, श्रृंगार-वैराग्यपरकचरित-काव्य)
11. धवल : हरिवंश पुराण (11वीं शदी)
12. पदमकीर्ति : पासचरिउ (11वीं शती)
13. कुशल लाभ : ढोला मारु रा दूहा (11वीं सदी, श्रृंगारकाव्य)
14. अज्ञात : मुंजरास (1093 ई. के आसपास)
15. देवसेन गणि : सुलोचनाचरिउ (12वीं शती)
16. जिनदत्त सूरि : उपदेश रसायन रास (1143 ई.), कालस्वरूपकुलक, चर्चरी
17. अब्दुर्रहमान : संदेश रासक (1147 ई. के आसपास)
18. नरपति नाल्ह : बीसलदेवरासो (1155 ई.)
19. सोमप्रभ सूरि : कुमारपाल प्रतिबोध (1184 ई., चम्पूकाव्य)
20. शालिभद्र सूरि : भरतेश्वर बाहुबलीरास (1184 ई., मुनि जिन विजय के अनुसार जैन साहित्य की रास परम्परा का प्रथम ग्रंथ), बुद्धि रास (1184 ई.), पंचपंडवरास (1253 ई.)
21. मधुकर कवि : जयमयंक-जसचंद्रिका (1186 ई.)
22. हेमचंद्र सूरि (1085 ई.-1172 ई., कलिकालसर्वज्ञ) : कुमारपाल चरित, हेमचंद्रशब्दानुशासन, देशी नाममाला, छन्दानुशासन, योगश।स्त्र
23. आसगु : चन्दनबालारास (1200 ई., खंडकाव्य, करुण रस की रचना), जीवदयारास (1200 ई.)
24. जिन धर्म सूरि : जम्बूस्वामीरास (1200 ई.), स्थूलिभद्ररास (1209 ई.)
25. नरपति नाल्ह : बीसलदेवरासो (1212 ई.)
26. श्रीधर (12-13वीं शती) : रणमल छंद, पारीछत रायसा, पासणाथचरिउ, सुकुमालचरिउ, भविसयत्तचरिउ)।
27. विनयचन्द्र सूरि : नेमिनाथ चतुष्पादिका (13वीं शती)
28. लाखु : जिनदत्तचरिउ, अगवयरयणपरिय (13वीं शती)
29. राजशेखर सूरि : नेमिनाथ फागु (13वीं-14वीं सदी)
30. सुमति गणि : नेमिनाथरास (1213 ई., नेमिनाथ-चरित)
31. विजयसेन सूरि : सुरिरेवन्तगिरिरास (1231 ई.)
32. जिन पदम सूरि : धूमि भद्दफाग (1243 ई.)
33. जैनाचार्य मेरुतुंग : प्रबंध चिंतामणि (1304 ई.)
34. प्रज्ञातिलक : कच्छूलिरास (1306 ई.)
35. चन्दरबरदाई : पृथ्वीराज रासो (1343 ई.)
36. विजयप्रभ उपाध्याय : गौतमस्वामी रास (1355 ई.)
37. सारंगधर : हम्मीर रासो (1357 ई., अपभ्रंश)
38. देवप्रभ : कुमारपाल रास ((1378 ई.)
39. नल्ह सिंह : विजयपाल रासो (16वीं सदी के बाद)
40. जगनिक : परमाल रासो या आल्हा खंड (16वीं सदी-17वीं सदी)
41. माधवदास चारण : राम रासो (1618 ई.)
42. कुम्भकर्ण (1681 ई.से 1724 ई.) : रतन रासो
43. दयाल कवि : राणा रासो (1619 ई.)
44. न्यामत ख़ां जान : क़ायम रासो (1634 ई.)
45. राव डुगरसी : छत्रसाल रासो (1653 ई. के लगभग)
46. कीर्तिसुन्दर : माकन रासो (1700 ई.)
47. दलपति विजय : खुमान रासो (1720 ई., राजस्थानी हिंदी)
48. गुलाब कवि : करहिया कौ रायसो (1777 ई.)
49. अलिरसिक गोविन्द : कलियुग रासो (1808 ई.)
50. देवसेनमणि : सुलोचना चरिउ
51. वरदत्त : बैरसामि चरिउ
52. हरिभद्र सूरी : णाभिणाह चरिउ
53. धाहिल : पउमसिरी चरिउ
54. लक्खन : जिवदत्त चरिउ
55. जल्ह कवि : बुद्धि रासो
56. माधवदास चारण : राम रासो
57. देल्हण : सुकुमाल रासो
58. केदार : जयचंद प्रकाश
59. लक्ष्मीधर : प्राकृत पैंगलम (14वीं सदी)
60. श्यधू : धन कुमार चरित
61. रइधू (15वीं शती) : वलहद्दचरिउ, जसहरचरिउ, पासणाहचरिउ, मेहेसरचरिउ, संतिनाहचरिउ
62. अमीर खुसरो (1255-1324 ई.) : किस्सा चहार दरवेश, खालिक बारी (शब्दकोश)
63. विद्यापति : कीर्तिलता, कीर्तिपताका, विद्यापति पदावली (मैथिली)
64. हरप्रसाद शास्त्री : बौद्धगान और दोहा (1916 ई.)
65. राहुल सांकृत्यायन : हिन्दी काव्यधारा
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