Hh

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2924136968063585" crossorigin="anonymous">

मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020

हिन्दी प्रश्नोतर : आदिकाल 100 One लाइनर आदिकाल सुपर 100 प्रश्नोतर 1.आचार्य शुक्ल ने आदिकाल में देशभाषा काव्य में कितनी पुस्तकों की संख्या मानी है~~8 2.” जनता की चित्तवृत्ति का संचित प्रतिबिंब ही साहित्य हैं “यह माना है~~ शुक्ल 3.” भाषा सर्वेक्षण “के रचयिता है~~ जॉर्ज ग्रियर्सन 4. पृथ्वीराज रासो कितने प्रकार के छंदों में लिखा गया है~~68 5. उपदेश रसायन रास के रचयिता है~~ जिनदत्त सूरी 6.पृथ्वीराज रासो काव्य किस कोटि का है~~वीरगाथा महाकाव्य 7.”हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास ” ग्रंथ के लेखक है~~ रामकुमार वर्मा 8.इतिहास लेखन की सबसे विकसित पद्धति है ~~विधेयवादी पद्धति 9. विद्यापति ने कीर्तिलता को किस संवाद रूप में लिखा है ~~भृंग-भृंगी 10.” राठौड़ा री ख्यात” के रचयिता है ~~दयालदास 11. नाथों में “रसायनी” कौन थे ~~नागार्जुन 12. कविराज श्यामलदास तथा काशी प्रसाद जायसवाल ने रासो की उत्पत्ति मानी है~~ रहस्य से 13. “आध्यात्मिक रंग के चश्मे आजकल बहुत सस्ते हो गए हैं उन्हें चढ़ाकर कुछ लोगों ने गीतगोविंद के पद्यों को आध्यात्मिक संकेत बताया है वैसे ही विद्यापति के पद्यों को भी”- पंक्ति है ~~आचार्य शुक्ल 14.काफिर बोध, पंचअग्नि, दयाबोध,अष्ट चक्र व रसराह ग्रंथ है ~~गोरखनाथ 15. कयमास वध किस रचना का खंड है~~ पृथ्वीराज रासो 16.उक्ति व्यक्ति प्रकरण के रचयिता है~~ दामोदर शर्मा 17. “मनहुं कला ससीभान कला सोलह सो बनिय “- पंक्ति है~~ चंदबरदाई 18. “राउलबेल”श्रृंगार परक चंपू काव्य के रचयिता है ~~रोडा कवि 19. अपभ्रंश भाषा का प्रथम कवि माना जाता है ~~स्वयंभू 20. स्वयं को ‘अभिमान मेरु’ कहा करते थे~~ पुष्पदंत 21. आदिकाल को संधिकाल एवं चारण काल किसने कहा ~~रामकुमार वर्मा 22. बौद्ध सिद्धों के पदों और दोहों को ‘ बौद्धगान ओ दोहा’ नाम से बांग्ला भाषा मे प्रकाशित किया~~ पंडित हरप्रसाद शास्त्री 23. किरान- उस- सादेन रचना है ~~अमीर खुसरो 24. ‘पुरुष परीक्षा’ किसकी संस्कृत में रचित रचना है~~ विद्यापति 25. रिठेमणि चरिउ के रचयिता है~~ स्वयंभू 26. कीर्तिलता की भाषा है ~~अवहट्ट 27.भू- परिक्रमा के रचयिता है ~~विद्यापति 28. जयमयंक जस चंद्रिका के रचयिता है~~ मधुकर कवि 29. इयाश्रय काव्य की रचना की है~~ हेमचंद्र 30. ‘कुमारपाल प्रतिबोध’ गद्य पद्य में प्राकृत काव्य लिखा है~~ सोमप्रभ सुरि 31. गोरखनाथ में किसके योग का सहारा लेकर ‘हठयोग’ का प्रवर्तन किया~~ पतंजलि 32. ‘रत्नाकर जोपम कथा’ किस संप्रदाय का मानक ग्रंथ है~~ सिद्धों का 33.” जिमि लोण बिलिज्जई पाणी एहि तिमि धरणी लई चित्त” कथन है ~~कणहप्पा 34. “गंगा जऊना माझे बहई रे नाइ”है- उक्ति है~~ डोम्भीपा 35. “काआ तरुवर पंच बिड़ाल” उक्ति है~~ लुइपा 36. सिद्धों में सबसे पुराने माने जाते हैं~~ सरहपा 37. अपभ्रंश नाम पहले-पहल किस के शिलालेख में मिलता है~~ वल्लभी राजा धारसेन द्वितीय 38. “उस समय जैसे ‘गाथा’ या ‘गाहा’ कहने से प्राकृत का बोध होता था वैसे ही दोहा या दूहा कहने से अपभ्रंश का” कथन के लेखक है~~ रामचंद्र शुक्ल 39. ‘देशी नाममाला’ किसकी रचना है~~ हेमचंद्र 40. हजारी प्रसाद द्विवेदी, विश्वनाथ प्रसाद मिश्र तथा चंद्रबली पांडेय ने रासो की उत्पत्ति मानी है~~ रासक 41. हरप्रसाद शास्त्री ने रासो की उत्पत्ति मानी है~~ राजयश 42.आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने रासो की उत्पत्ति मानी है ~~रसायण 43. पृथ्वीराज रासो की रचना विधान में सर्वाधिक विवादास्पद पक्ष है~~ ऐतिहासिकता 44. ‘कन कंड चरिउ’ के रचयिता है~~ कनकामर मुनि 45.’प्राकृत प्रकाश’ के रचयिता ~~वररुचि 46. ढोला मारु रा दुहा के रचयिता~~ कुशललाभ 47. सबसे पहले बारहमासा वर्णन किस रचना में मिलता है ~~बीसलदेव रासो 48. आदिकाल को अपभ्रंश काल कहा ~~धीरेंद्र वर्मा 49. बारह बरीस लौ कूकर जीवे, और तेरह लौ जिये सियार। बरिस अठारह छत्री जीवे, आगे जीवन को धिक्कार।। उक्त पंक्ति है~~जगनिक 50. आदिकाल को ‘बीजवपन काल’ कहा है~~महावीर प्रसाद द्विवेदी 51. दोहाकोश किसकी रचना है ~~सरहपा 52. मैथिल कोकिल कहे जाते हैं ~~विद्यापति 53.रणमल छंद की रचना की~~ श्रीधर 54. आल्हाखंड नाम से कौन सी रचना प्रसिद्ध है~~ परमाल रासो 55. “पद्मावती समय” किस रचना का खंड है~~ पृथ्वीराज रासो 56. राजमती और बीसलदेव की कथा किस ग्रंथ में है~~ बीसलदेव रासो 57.वर्ण रत्नाकर ग्रंथ के रचयिता है~~ ज्योतिरीश्वर 58. नाथ- संप्रदाय के रचयिता है~~ हजारी प्रसाद द्विवेदी 59. शिलांकित चंपू गेय काव्य रचना है~ राउलबेल 60. दो सुखने, खलिकबारी आदि रचनाएं हैं~ अमीर खुसरो 61. प्राण-संकली,सबदी, नरवैबोध, आत्मबोध और पंचमात्रा रचनाएं हैं~~ गोरखनाथ 62.गोरखनाथ की रचनाओं को ‘गोरखबानी’ नाम से संपादित किया ~~पीतांबर दत्त बड़थ्वाल 63.”पुस्तक जल्हण हत्थ दै, चलि गज़्ज़न नृज काज” पंक्ति है~ जल्हण 64. ‘चन्द हिंदी के प्रथम महाकवि माने जाते हैं और इनका पृथ्वीराज रासो हिंदी का प्रथम महाकाव्य है’ कथन के लेखक है~~ आचार्य शुक्ल 65.’पृथ्वीराज रासो’ को डॉक्टर श्यामसुंदर दास, मोहनलाल विष्णु लाल पंड्या, मिश्र बंधुओं एवं कर्नल टॉड मानते हैं~~ प्रामाणिक 66.हजारी प्रसाद द्विवेदी, मुनि जिन विजय, सुनीति कुमार चटर्जी आदि ‘पृथ्वीराज रासो’ को मानते हैं~~ अर्धप्रमाणिक 67.पृथ्वीराज रासो में कितने सर्ग या समय है~~69 68.”बज़्ज़िय घोर निसान रान चौहान चहुँ दिसि” पंक्ति है~~ चंदबरदई 69. संदेश रासक किस प्रकार का काव्य है~~ खंडकाव्य 70. पृथ्वीराज रासो को पूरा किया था~~ जल्हण ने 71.’परमात्म-प्रकाश’ और ‘योगसार’ किसकी रचना है~~ जोइंदु 72. पाहुड़दोहा के रचयिता है~~ मुनि रामसिंह 73. सरहपाद,सरोजवज्र व राहुलभद्र आदि नामों से कौन जाना जाता है~`सरहपा 74.अक्षरद्विकोपदेश,डोम्बिगीतिका व योगचार्य किसकी रचनाएं हैं~~डोम्बिपा 75. ‘श्रावकाचार’ व दब्ब-सहाव-पयास, लघुनयचक्र और दर्शनसार ग्रन्थ है~~देवसेन 76. भरतेश्वर-बाहुबली रास खंड काव्य ग्रंथ लिखा~~ शालिभद्र सूरी 77. ‘स्थूलीभद्र रास’ किसकी रचना है~~ जिनधर्म सुरि 78. रेवंतगिरी रास रचना है ~~विजयसेन सुरि 79. ‘नेमिनाथ रास’ नामक ग्रंथ की 58 छंदों में रचना की~~सुमतिगणि 80. नाथ संप्रदाय को ‘अवधूत संप्रदाय’, ‘योग संप्रदाय’ कहा है~~ हजारी प्रसाद द्विवेदी 81. डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा किस रचना में हिंदी साहित्य को अखिल भारतीय साहित्य से सम्बद्ध करने का प्रयास हुआ है~~ हिंदी साहित्य की भूमिका 82.’आधुनिक हिंदी साहित्य का विकास’ किसके द्वारा लिखित है~~ श्री कृष्णलाल 83.’हिंदी पुस्तक साहित्य’ को आधुनिक साहित्य संपत्ति का बीजक किसने कहा है~~ डॉ• माता प्रसाद गुप्त 84.’हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास’ लिखा गया~~ डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी 85.’हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास’ में संपूर्ण इतिहास को डॉ. गणपति चंद्र गुप्त ने कितने काल खंडों में विभाजित किया है~~ आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल 86.हिंदी साहित्य का सर्वाधिक व्यवस्थित और प्रथम इतिहास है~~ हिंदी साहित्य का इतिहास(शुक्ल) 87.अपभ्रंश साहित्य को हिंदी साहित्य से अलग मानकर उसे पूर्व पीठिका के रूप में किसने प्रस्तुत किया ~~आचार्य शुक्ल 88.आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने काल विभाजन का प्रधान आधार क्या माना~~ जनता की चित्तवृत्ति के परिवर्तन को 89.शुक्ल कृत हिंदी साहित्य का इतिहास में आदिकाल का नाम जो सर्वाधिक विवादास्पद रहा ~~वीरगाथाकाल 90.’हिंदी के मुसलमान कवि’ नामक पुस्तक के लेखक है~~ गंगा प्रसाद सिंह 91.हिंदी साहित्य का कौनसा इतिहास ग्रंथ एक पुस्तक के रूप में सबसे बड़ा है~~ हिंदी साहित्य का इतिहास (रमाशंकर शुक्ल रसाल) 92.राजस्थानी साहित्य की रूपरेखा के लेखक हैं~~ मोतीलाल मेनारिया 93.हिंदी साहित्य इतिहास में दोहरे नामकरण की प्रवृत्ति का आरंभ किसने किया~~ आचार्य शुक्ल 94.हजारी प्रसाद द्विवेदी का कौनसा ग्रंथ एक व्याख्यान ग्रंथ है~~ हिंदी साहित्य का आदिकाल 95.अपभ्रंश को पुरानी हिंदी माना~~ चंद्रधर शर्मा गुलेरी 96.आचार्य शुक्ल ने आदिकाल के कितने ग्रंथों को प्रामाणिक माना है ~~12 97.’द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान’ किसके द्वारा रचित है जिसमें केवल हिंदी कवियों का उल्लेख है~~ ग्रियर्सन 98.द मार्डन वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान सन 1888 में एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल की पत्रिका के रूप में प्रकाशित हुआ 99.हिंदी साहित्य के इतिहास में काल विभाजन का सर्वप्रथम प्रयास किया~~ग्रियर्सन 100.’तज़किरा-ई-शुअराई हिंदी’ किसके द्वारा रचित इतिहास ग्रंथ है~~ मौलवी करी मुद्दीन

रविवार, 16 फ़रवरी 2020

लिंग (Gender) [ पुल्लिंग व स्त्रीलिंग शब्दों की पहचान के नियम ] 3 Comments Tags: लिंग (Gender) ‘लिंग’ का अर्थ होता है चिह्न | चिह्न से तात्पर्य है – स्त्री चिह्न या पुरुष चिह्न अर्थात जिस शब्द से पुरुष जाति का और स्त्री जाति का बोध हो ,उसे लिंग कहते हैं | लिंग के भेद – 1. पुल्लिंग 2. स्त्रीलिंग 1. पुल्लिंग - जिस शब्द से पुरुष जाति का बोध होता है , उसे पुल्लिंग कहते हैं | जैसे – सजीव – मोहन, लड़का , हाथी , सर्प इत्यादि निर्जीव – मकान , पत्र , नेत्र ,पत्ता इत्यादि भाव – प्रेम , बुढ़ापा , सुख , दुःख आदि 2. स्त्रीलिंग - जिस शब्द से स्त्री जाति का बोध होता है , उसे स्त्रीलिंग कहते हैं | जैसे – सजीव – लता , लड़की , घोड़ी , गाय इत्यादि निर्जीव – इमारत , चिट्ठी , आँख , हवा इत्यादि भाव – सच्चाई , ईमानदारी , सजावट इत्यादि पुल्लिंग व स्त्रीलिंग शब्दों की पहचान के नियम 1. मनुष्य और बड़े जीवों में लिंग की पहचान आसान है | जैसे – पुल्लिंग - पिता ,पुत्र , सुनार , लोहार , ऊँट , हंस आदि |स्त्रीलिंग- माता , पुत्री , सुनारिन, ऊंटनी , हंसी आदि | 2. संस्कृत के पुल्लिंग तथा नपुंसकलिंग शब्द जो हिंदी में प्रयुक्त होते हैं वे प्राय: पुल्लिंग तथा संस्कृत के स्त्रीलिंग शब्द जो हिंदी में प्रचलित है प्राय: स्त्रीलिंग ही रहते हैं | जैसे – तन , मन , धन , देश , जगत् आदि शब्द पुल्लिंग और सुन्दरता , आशा , लता , दिशा आदि शब्द स्त्रीलिंग हैं | 3. जिन शब्दों के अंत में आ , पा , आवा , आव , र्य , त्र , पन , त्व , र , ना आदि प्रत्यय लगे हों तो वे शब्द प्राय: पुल्लिंग होते हैं | जैसे – आ – घेरा ,फेरा , जोड़ा , झगड़ा आदि | पा – बुढ़ापा , मोटापा आदि | आवा – पछतावा , पहनावा , बुलावा , चढ़ावा आदि | आव – बहाव , टकराव , बचाव , बदलाव आदि | र्य – आर्य , अनार्य , धर्य , शौर्य आदि | त्र – पत्र , चित्र , मित्र , मंत्र , तंत्र आदि | पन – बचपन , बडप्पन , लड़कपन , अपनापन आदि | त्व – महत्त्व , सतीत्व , नारीत्व , अपनत्व आदि | र – प्रचार , नगर , सागर ,प्रचार आदि | ना – लिखना , पढ़ना , रोना , दिखाना आदि | 4. जिन शब्दों के अंत में नी, री, ति, त, ली, आहट, आवट, इया, ई, आस, आई आदि प्रत्यय लगे हों तो वे प्राय: स्त्रीलिंग होते हैं | जैसे – नी – शैतानी , हैरानी , मनमानी , चटनी आदि | री – छतरी , कटोरी , पटरी , कोठरी आदि | ति – जाति , क्षति , शक्ति , रीति आदि | त – रंगत , राहत , बगावत , अदालत आदि | ली – ओखली , तितली , डफली , मूँगफली आदि | आहट – चिल्लाहट , चिकनाहट , घबराहट आदि | आवट – लिखावट , मिलावट , थकावट, सजावट आदि | इया – खटिया , डलिया , डिबिया , टिकिया आदि | ई – गगरी , गठरी , प्याली , गरीबी ,अमीरी आदि | आस – साँस , मिठास , खटास , प्यास आदि | आई – मलाई , बुराई , महँगाई , रुलाई आदि | 5. महीनों, दिनों, ग्रहों और पर्वतों के नाम पुल्लिंग होते हैं ; जैसे – महीनों – चैत्र, बैसाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ आदि | दिन – सोमवार, मंगलवार, बुधवार आदि | ग्रह और पर्वत – राहू, केतु , हिमालय, विन्ध्याचल आदि | 6. नदियों ( गंगा , यमुना , कावेरी ) , तिथियों (तृतीया , चतुर्थी ) तथा नक्षत्रों (अश्विनी ,रोहिणी )के नाम स्त्रीलिंग होते हैं | 7. संस्कृत के ऊकारांत और उकारांत शब्द पुल्लिंग होते हैं | जैसे – डाकू , जनेऊ , प्रभू , अश्रु , जंतु , राहु आदि | 8. संस्कृत के कुछ पुल्लिंग शब्द और नपुंसकलिंग शब्द हिंदी में स्त्रीलिंग के रूप में प्रयुक्त होते हैं | जैसे – अग्नि ,आत्मा , ऋतु, वायु , संतान , राशि आदि | 9. द्रव्यवाचक शब्द प्राय: पुल्लिंग रूप में प्रयुक्त होते हैं ; जैसे – घी , तेल , दूध , पानी , मोती , पन्ना , लोहा , ताँबा आदि | 10. भाषा , बोली और लिपि का नाम स्त्रीलिंग में होता है ; जैसे – हिंदी, अंग्रेजी, रूसी, चीनी, अरबी, फारसी, अवधी, बघेली, भोजपुरी, गढ़वाली, ब्राह्मी, खरोष्ट्री आदि | 11. कुछ ऐसे जीव जिनमें पुल्लिंग व स्त्रीलिंग की पहचान कठिन होती है , उन्हें या तो पुल्लिंग मान लिया गया है या स्त्रीलिंग | जैसे – चीता , भालू , गीदड़ आदि | यदि इन शब्दों के साथ मादा शब्द जोड़ दिया जाए तो ये स्त्रीलिंग हो जाती हैं ; जैसे – मादा चीता , मादा भालू आदि | कुछ जीव नर हों या मादा उन्हें स्त्रीलिंग मान लिया गया है | जैसे – कोयल , मैना , मक्खी ,लोमड़ी आदि | शब्दों को पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के आवश्यक नियम - 1. अकारांत तथा आकारान्त पुल्लिंग शब्दों को ईकारांत कर देने से स्त्रीलिंग हो जाते हैं ; जैसे – 1. लड़का – लड़की 2. गोप – गोपी 3. नाना – नानी 4. हिरन – हिरनी आदि 2. ‘आ’ प्रत्ययांत पुल्लिंग शब्दों में ‘आ’ के स्थान पर ‘इया’ लगाने से स्त्रीलिंग बन जाते हैं ; जैसे – 1. बूढ़ा – बुढ़िया 2. बछड़ा – बछिया 3. व्यवसायबोधक, जातिबोधक तथा उपनामवाचक शब्दों के अंतिम स्वर का लोप करके उनमें ‘इन’ व ‘आइन’ प्रत्यय लगाने से स्त्रीलिंग बन जाता है | जैसे – 1.धोबी – धोबिन 2. बाघ – बाघिन 3. कहार- कहारिन 4. पंडित – पंडिताइन 4. संस्कृत के ‘वान’ और ‘मान’ प्रत्ययान्त विशेषण शब्दों में ‘वान’ तथा ‘मान’ को क्रमश: ‘वती’ और ‘मती’ कर देने से स्त्रीलिंग बन जाते हैं | जैसे – 1. पुत्रवान – पुत्रवती 2. बुद्धिमान – बुद्धिमती 3. बलवान – बलवती 3. श्रीमान – श्रीमती 5. ‘अकारांत विशेषण शब्दों के अंत में ‘आ’ लगा देने से स्त्रीलिंग बन जाते हैं ; जैसे – 1. प्रियतम – प्रियतमा 2. श्याम – श्यामा 3. चंचल – चंचला 4. आत्मज – आत्मजा 6. जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘अक’ होता है उनमें ‘अक’ के स्थान पर ‘इका’ लगा देने से स्त्रीलिंग बन जाते हैं | जैसे – 1. बालक – बालिका 2. सेवक – सेविका 3. पालक – पालिका 4. नायक

शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

*हिंदी के महाकाव्य* 1. चंदबरदाई कृत ‘पृथ्वीराज रासो’ को हिंदी का प्रथम महाकाव्य कहा जाता है। 2. मलिक मुहम्मद जायसी - पद्मावत 3. तुलसीदास - रामचरितमानस 4. आचार्य केशवदास - रामचंद्रिका 5. मैथिलीशरण गुप्त - साकेत 6. अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' - प्रियप्रवास 7. द्वारका प्रसाद मिश्र - कृष्णायन 8. जयशंकर प्रसाद - कामायनी 9. रामधारी सिंह 'दिनकर' - उर्वशी 10. रामकुमार वर्मा - एकलव्य 11. बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' - उर्मिला 12. गुरुभक्त सिंह - नूरजहां, विक्रमादित्य 13. अनूप शर्मा - सिद्धार्थ, वर्द्धमान 14. रामानंद तिवारी - पार्वती 15. गिरिजा दत्त शुक्ल 'गिरीश' - तारक वध 16. नन्दलाल सिंह 'कांतिपति' - श्रीमान मानव की विकास यात्रा

गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

👉 संज्ञा के भेद – 5 👉 रचना के आधार पर संज्ञा के भेद – 3 👉 संधि के भेद – 3 👉 स्वर संधि के भेद – 5 👉 समास के भेद – 6 👉 तत्पुरुष समास के भेद – 6 👉 कारक के प्रकार – 8 👉 वचन कितने प्रकार के है – 2 👉 लिंग के प्रकार – 2 👉 काल के भेद – 3 👉 विशेषण के भेद – 4 👉 सर्वनाम के भेद – 6 👉 क्रिया विशेषण के भेद – 4 👉 क्रिया के प्रकार – 2 👉 छंद के प्रकार – 2 👉 अलंकार के प्रकार – 3 👉 रस कितने प्रकार के होते है – 9 👉 शब्द शक्ति के प्रकार – 3 👉 वाक्य के घटक होते है – 2 👉 वर्णों की संख्या – 52 👉 व्यंजन वर्णों की संख्या – 33 👉 संचारीभाव की संख्या – 33 👉 सात्विक भाव की संख्या – 8 👉 विभाव के भेद – 2 👉 काव्य के भेद – 2 👉 वेद कितने है – 4 👉 वेदांग कितने है – 6 👉 पुराण कितने है – 18 👉 बौद्धों के धर्म-ग्रन्थ – 3 👉 संगीत-स्वर के भेद – 3 👉 नायिका के भेद – 3 👉 नायक के भेद – 4 👉 श्रृंगार के भेद – 2 👉 हास्य के भेद – 6 👉 वीर-रस के भेद – 3 👉 काव्य के गुण – 3 👉 विद्याएँ -18 👉 विवाह प्रकार – 8 👉 माताएँ – 7 👉 रत्न के प्रकार – 9 👉 राशियाँ – 12 👉 दिन-रात के पहर – 8 👉 वायु के प्रकार – 5 👉 अग्नियाँ – 3 👉 गुण के प्रकार – 3 👉 शारीरिक दोष – 3 👉 लोक – 3 👉 ऋण के प्रकार – 3 👉 ताप – 3 👉 युग – 4 👉 पुरुषार्थ – 4 👉 वर्ण – 4 👉 दंड के प्रकार – 4 👉 शत्रु – 6 👉 संहिताएँ – 4 👉 भारतीय व्यक्ति-जीवन के संस्कार – 16 👉 ईश्वर के रूप – 2(सगुण, निर्गुण) 👉 भाषा के प्रकार – 2 👉 मूल स्वर के भेद – 3 👉 व्यंजनों के प्रकार – 3 👉 स्पर्श व्यंजन होते है – 25 👉 उष्म व्यंजन होते है – 4 👉 संयुक्त व्यंजन – 4 👉 वर्णों की मात्राएँ होती है – 10 👉 कंठ्य वर्णों की संख्या – 9 👉 तालव्य वर्णों की संख्या – 9 👉 प्रयोग की दृष्टि से शब्द-भेद – 2 👉 विकारी शब्द के प्रकार – 4 👉 अविकारी शब्द के प्रकार – 4 👉 उत्पति की दृष्टि से शब्द-भेद – 4 👉 व्युत्पत्ति या रचना की दृष्टि से शब्द भेद – 3 👉 वाक्य के भेद- अर्थ के आधार पर – 8 👉 वाक्य के भेद- रचना के आधार पर – 3 👉 विधेय के भाग – 6 👉 सर्वनाम की संख्या – 11 👉 प्रत्यय के भेद – 2 👉 रस के अंग – 4? 👉 अनुभाव के भेद – 4 👉 स्थायी भाव के प्रकार – 9 👉 श्रृंगार रस के प्रकार – 2 👉 नाटक में रस – 8

बुधवार, 12 फ़रवरी 2020

➡️प्रश्नोत्तर जो कि अनिवार्य हो सकते हैं, परीक्षा के लिहाज़ से  
✍ज्ञानपीठ, साहित्य अकादमी एवं व्यास सम्मान से नवाजे गए हिंदी के            कुछ साहित्यकार - अमरकांत, श्रीलाल शुक्ल, कुंवर नारायण 
 ✍"पंडित और मसालची दोनों सूझे नाहि/औरन को करै चांदना आप              अँधेरे मांहि।" पँक्ति भक्तिकाल के किस कवि की है - कबीर 
 ✍राम की शक्तिपूजा पर टीका "छंद छंद पर कुंकुम" किसकी रचना है -           वागीश शुक्ल
 ✍निबन्ध "मुझको शर्म क्यों नहीं आती" किसकी पुस्तक है - प्रेम          
      जनमेजय 
 ✍जोखिम किसका आत्मकथात्मक उपन्यास है - हृदयेश
 ✍सीवान की कविता सम्पादित कृति किसकी है - मैनेजर पांडे 
 ✍हिंदी के आरंभिक ग़ज़लकार - निराला, त्रिलोचन, शमशेर बहादुर सिंह,        दुष्यंत कुमार, जानकी वल्लभ शास्त्र
 ✍"मैं और मेरे समकालीन कवि, कविता नहीं लिखते कविता का धोखा            खड़ा करते हैं" - श्री राम शुक्ल
 ✍"नागार्जुन जैसा प्रयोगधर्मा कवि कम ही देखने को मिलता है, चाहे वे प्रयोग लय के हों, छंद के हों, विषयवस्तु के हों" कथन किसका है - नामवर सिंह 
 ✍"नैननि में जो सदा रहते तिनकी अब कान कहानी सुन्यो करै" - आलम की पंक्ति है। 
 ✍रहस्यवाद की तुलना नन्ददुलारे वाजपेयी ने 'कन-कौवा' से की है ।
 ✍रायदेवि प्रसाद पूर्ण ने द्विवेदी युग में रीतिकालीन कवि सेनापति के टक्कर का प्रकृति चित्रण किया है। ▰▱▰▱▰▱▰▱▰▱▰▱▰▱▰▱ ▰▱▰▱▰▱▰▱▰▱▰▱▰▰▱▰
कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न : जो गाइडों में नहीं मिलेंगे। (ये वे 5-10 प्रश्न हैं जो अंतिम चयन सूची या मेरिट में आपको शामिल करवाते हैं। 
 ✍"महायान हीनयान की अपेक्षा अधिक मानवीय, लोकगम्य, सहज और समन्वमूलक था" किसका कथन है - हज़ारी प्रसाद द्विवेदी 
 ✍उर्दू को यामिनी भाषा किसने कहा - लल्लूलाल जी। 
 ✍बालेंदु उपनाम से प्रगतिवाद का कौन सा कवि कविताएं लिखता था - केदारनाथ अग्रवाल
 ✍नागार्जुन ने प्रगतिशील लेखक संघ की अध्यक्षता कब की थी - 1953, नई दिल्ली 
 ✍"मैं रथ का टूटा हुआ पहिया हूँ, मगर मुझे फेंको मत" पंक्ति किसकी है - धर्मवीर भारती
 ✍"मैं प्रयोगवाद का अगुवा नहीं पिछलगुवा हूं" - दिनकर जी। 
✍प्रपद्यवाद प्रयोग को साध्य जबकि प्रयोगवाद इसे साधन मानता है।
 ✍विष के दांत कहानी संग्रह नलिन विलोचन शर्मा का है।  
✍युगचेतना-लखनऊ, कल्पना-हैदराबाद, नया ज्ञानोदय-कलकत्ता, आलोचना-दिल्ली, हंस-दिल्ली, तद्भव-लखनऊ से निकलने वाली पत्रिकाएं हैं।
 ✍नई कविता के 4 प्रतिमान - आधुनिकता में आस्था, कुंठारहित यथार्थ, बुद्धिवाद, क्षणवाद 
 ✍'कवित्त विवेक एक नहिं मोरे' जैसी विनम्र भाव वाली पंक्ति किस कवि की लेखनी से निःसृत हुई - तुलसीदास 
🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🌺🌺🌺🌺🌺🏵️🏵️🏵️🌺🌺🌺 💐
प्रयोगवाद : महत्वपूर्ण कथन या विद्वानों के विचार 
 ✍समाज के हित में जैसी क्रांति का सतत प्रक्रिया काम्य है, वैसे ही रचना के हित में प्रयोग की। - रामस्वरूप चतुर्वेदी 
 ✍प्रयोगवाद का कोई वाद नहीं है, हम वादी नहीं रहे हैं। - अज्ञेय  
✍प्रयोगवाद बैठे ठाले का धंधा है। - नन्द दुलारे वाजपेयी 
 ✍चरम व्यक्तिवाद ही प्रयोगवाद का केंद्र बिंदु है। - नामवर सिंह 
 ✍मैं प्रयोगवाद का अगुवा नहीं पिछलगुवा हूं। - दिनकर जी
 ✍प्रयोगवाद दृष्टिकोण का अनुसंधान है। - केशरी कुमार 
 ✍प्रयोगवाद शैलीगत विद्रोह है। - डॉ. नगेन्द्र 
 ✍ प्रयोगवाद कलात्मक अनुभव का क्षण है। - रघुवीर सहाय  
✍प्रयोगवाद का प्रारंभ - 1943
 ✍प्रयोगवाद के आरम्भकर्ता - अज्ञेय जी 
 ✍प्रयोगवाद के अंतर्गत कुल सप्तक - 04 (1943, 1951, 1959, 1979) 
 ✍राहों का अन्वेषी कवियों को अज्ञेय जी तारसप्तक की भूमिका में कहा। ✍प्रमुख प्रवृत्तियां - अहंवादी व्यक्तित्व, अतियथार्थवाद, निराशावाद, बौद्धिकता, नवीन उपमान, विषयों का साधारण निरूपण, सामयिक भाषा ✍प्रयोगवाद पर फ्रायड दर्शन का प्रभाव भी है। 
🍀☘️🍀☘️🍀☘️🌺💐🌺💐🌺💐☘️🍀☘️🍀
➡️प्रश्नोत्तर जो अनिवार्य कि अनिवार्य हो सकते हैं, परीक्षा के लिहाज़ से ✍सूफी धारा को किस आलोचक ने प्रेमाश्रयी धारा कहा - आचार्य शुक्ल जी 
 ✍"मानस भवन में आर्यजन जिनकी उतारे आरती...." पंक्ति किस काव्यग्रंथ से है - भारत भारती 
 ✍"सब आंखों के आंसू उजले/सबके सपनों में सत्य पला"...पंक्ति किसकी है - महादेवी वर्मा 
 ✍किस सन्त कवि का जन्म अकबर के समय में और मृत्यु औरंगजेब के काल में हुई - मलूकदास
 ✍सन्त कवियों के दार्शनिक सिद्धातों का मूल आधार है - अद्वैतवाद
 ✍रचना कुमारपाल प्रतिबोध - सोमप्रभ सूरि, कुमारपाल चरित - हेमचन्द्र की है। 
 ✍महिमभट्ट द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत है - अनुमानवाद 
 ✍"साहित्य मनुष्य के अंदर का उछालित आनन्द है" - नन्द दुलारे वाजपेयी ✍कवि धनपाल को किसने सरस्वती की उपाधि दी - राजा मुंज ने ✍"नैननि में जो सदा रहते तिनकी अब कान कहानी सुन्यो करै" - आलम की पंक्ति है।
 ✍कृष्ण की रस रूप और राधा को रति रूप किस सम्प्रदाय में माना गया है - वैष्णव सहजिया सम्प्रदाय 
 ✍चंपू काव्य के दो भेद हैं - विरुद और करम्बक

शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2020

*हिन्दी भाषा एवं साहित्य* 1 अपना मस्तक काटिकै बीर हुआ कबीर --- *दादूदयाल* 2 सन्त सिंगा की भाषा--- *निमाड़ी* 3 हमेशा दुल्लहे की पोशाक में--- *रज्जब* 4 ज्ञानदीप---- *शेख़ नवी* 5 सबसे बड़ा आदमी एकांकी --- *भगवतीचरण वर्मा* 6 राजतुल हकायक --- *नूर मोहम्मद* 7 अंत हाज़िर हो --- *मीरकान्त* 8 छायावाद का ब्रह्मा-- *प्रसाद* 9 अस्टछाप के ज्येष्ठ कवि-- *कुम्भनदास* 10 छायावाद का विष्णु-- *पन्त* 11 अस्टछाप के कनिष्ठ कवि-- *नन्ददास* 12 छायावाद का महेश-- *निराला* 13 सूफ़ी महिला-- *राबिया* 14 चारुचंद्र लेख--- *हज़ारी* 15 औरत होने की सजा-- *अरविन्द जैन* 16 अनामिका-- *निराला* 17 मिल-जुल मन-- *मृदुला गर्ग* 18 मुहावरों की पाठय पुस्तक-- *देवबाला* 19 पत्रात्मक शैली का उपन्यास-- *चंद हसीनों के खतूत* 20 फ़ोटो नाटक-- *चढ़त ना दूजो रंग* 21 अनल कवि-- *दिनकर* 22 अवध का किसान-- *त्रिलोचन* 23 मुनि मार्ग के हिमायती-- *शुक्ल* 24 खड़ी बोली के समर्थकों को 'हठी व मुर्ख' कहा-- *जग्गन्नाथ दास रत्नाकर* 25 कठगुलाब--- *मृदुला गर्ग* 26 आओ पे पे घर चले--- *प्रभा खेतान* 27 स्त्री लेखन का प्रस्थान बिंदु-- *मित्रो मरजानी* 28 कुइयाजान-- *नासिरा शर्मा* 29 हसिनाबाद-- *गीताश्री* 30 क्षयी रोमांस का कवि-- *बच्चन सिंह* 31 बहुत हमने फैलाया धर्म बढाया छूआछूत का कर्म --- *भारतेन्दु* 32 "आठ मास बीते जजमान अब तो करो दक्षिणा दान-- *प्रताप नारायण मिश्र* 33 स्नेह निर्झर बह गया है,रेत सा तन गया है-- *निराला* 34 दिवस का अवसान समीप था गगन था कुछ लोहित हो चला-- *हरिऔध* 35 रामचरित मानस का पंचम काँड--- *सुंदर काँड* 36 प्रथम रश्मि का आना रंगिणि! तूने कैसे पहचाना-- *सुमित्रानंदन पंत* 37 मांसलवाद के प्रवर्तक-- *रामेश्वर शुक्ल अंचल* 38 रागदरबारी-- *शिवपाल गंज* 39 छंदों का अजायबघर-- *रामचन्द्रिका* 40 छपय्यो का राजा-- *चंदरबरदाई* 41 श्लेष का बादशाह-- *सेनापति* 42 हरिगीतिका का बादशाह-- *मैथिलीसरण गुप्त* 43 अस्टछाप कवि-- **कुम्भनदास **कृष्णदास **सूरदास **परमानन्द दास **गोविन्दस्वामी **छीतस्वामी **नँददास **चतुर्भुज दास 44 कठिन काव्य का प्रेत-- *केशव* 45 अस्टछाप की स्थापना-- *1565* 46 द्वेताद्वेत--- *निम्बार्कचार्य* 47 अद्वेतवाद-- *शंकराचार्य* 48 सुर भक्ति-- *साख्य भाव* 49 मीरा भक्ति--- *माधुर्य भाव* 50 तुलसीदास भक्ति-- *दास्य भाव* 51 ठहरा हुआ पानी (नाटक)-- *शांति मेहरोत्रा* 52 मॉरीशस प्रेमचंद--- *अभिमन्यु अनन्त* 53 'आधुनिक मीरा-- *महादेवी वर्मा* 54 शुक्ल की त्रिवेणी-- *सुर,जायसी,तुलसी* 55 साक्षात रसमूर्ति-- *घनानन्द* 56 हिन्दू जाति का प्रतिनिधि कवि-- *भूषण* 57 निबंध सम्राट--- *शुक्ल* 58 उपन्यास सम्राट-- *प्रेमचंद* 59 जीवन उत्सव का कवि-- *सूरदास* 60 एक भारतीय आत्मा--माखनलाल चतुर्वेदी 61 (2017) व्यास पुरस्कार-- *ममता कालिया* 62 दुःखम-सुखम-- *ममता कालिया* 63 (2017) ज्ञानदीठ पुरस्कार-- *कृष्णा सोबती* 64 (2017) साहित्य अकादमी पुरस्कार--- *रमेश कुंतल मेघ* 65 गेहूं और गुलाब-- *बेनीपुरी* 66 कुकुकुरमुता-- *निराला* 67 घनानन्द की प्रेमिका-- *सुजान* 68 आलम की प्रेमिका-- *शेख़ रँगरेजीन* 69 महाअंधेर नगरी-- *विजयानन्द त्रिपाठी* 70 नहुष--" *गोपालचंद्र गिरिधर दास"* 71 मैला आँचल--- *1954* 72 पन्त का जन्म--- *1900* 73 शिवमंगल सिंह सुमन जन्म-- *1915 74 सहज प्रकाश’--- *सहजोबाई* 75 उज्जवलनीलमणि’--- *रूपगोस्वामी* 76 ’सेठ बांकेमल-- *अमृतलाल नागर* 77 ’वारेन हेस्टिंग्स का सांड़’ कहानी -- *उदय प्रकाश* 78 छायावाद का पतन’ -- *डा0 देवराज* 79 अनुराग बॉंसुरी’ -- *नूर मोहम्मद* 80 ’नैन नचाय कही मुसुकाय लला फिर आइयो खेलन होरी’ -- *पद्माकर* 81 ’कटरा बी आरजू’---- *राही मासूम रजा* 82 कनक कदलि पर सिंह समारल ता पर मेरु समाने’ पंक्तिकार--- *विद्यापति* 83 साहित्य जन-समूह के हृदय का विकास-- *बालकृष्ण भट* 84 सारा लोहा उन लोगों का अपनी केवल धार’ पंक्तिकार-- *अरुण कमल* 85 ’दुःखों के दागों को तमगों सा पहना’---- *मुक्तिबोध* 86 ’नया साहित्य नये प्रश्‍न *’--नन्द दुलारे वाजपेयी* 87 ’भाग्यवती’ के लेखक--- *श्रद्धाराम फुल्लौरी* 88 मुक्त छंद के प्रणेता *--सूर्यकांत त्रिपाठी निराला* 89 ’अभिनव जयदेव’ *विद्यापति* 90 आवत जात पनहियॉं टूटीं बिसरि गयो हरि नाम-- *कुम्भनदास* 91 ’दिल्ली का दलाल’ --- *पाण्डेय बेचन शर्मा ’उग्र’* 92 आधुनिक युग का सबसे युगान्तकारी कवि -- *सूर्यकांत त्रिपाठी निराला* 93 मैथिली शरण गुप्त के बाद राष्ट्र कवि--- *रामधारी सिंह दिनकर* 94 (अणु भाष्य) अधूरे ग्रन्थ को पूरा किया-- *विट्ठलनाथ ने* 95 "बसंत का अग्रदूत" ---- *निराला* 96 निहार की भूमिका-- *हरिऔध* 97 अज्ञेय का साहित्यिक गुरू--- *मैथिलीशरण गुप्त* 98 गिरिजाकुमार के संग्रह मंजीर की भूमिका ---- *निराला* 99 "गउडबहो---- *वकपतिराज* 100 रसवादी आचार्य--- *अभिनवगुप्त* 101 सम्प्रेषण सिद्धान्त--- *टी. एस. इलियट* 102 द डिफेंस ऑफ पोइट्री--पी. बी. शैली* 103 उदात्त तत्व--- *लोंजाइनस* 104 अपभ्रंस का प्रिय छंद--- दोहा 105 सूफ़ियों का प्रिय अलंकार-- *समसोक्ति* 106 अवधी,बघेली,छत्तीसगढी--- *पूर्वी हिंदी* 107 भविस्यतकहा का सम्पादन-- *डॉ. याकोबी* 108 उक्ति व्यक्ति प्रकरण-- *व्याकरणशास्त्र* 109 प्राकृत पैंगलम--- *छन्दशास्त्र* 110 रागदरबारी--- *शिवपाल गंज* 111 गोदान--- *बेलारी* 112 झूठा-सच (प्रथम भाग)-- *वतन ओर देश* 113 झूठा-सच (दूसरा भाग)-- *देश का भविष्य* 114 विद्यापति पदावली का सम्पादन--- *बेनीपुरी* 115 मैला आँचल--- *मेरीगंज* 116 सबसे ज़्यादा प्रबध काव्य-- मैथलीशरण गुप्त* 117 श्रान्त पथिक--- *श्रीधर पाठक* 118 अनाम तुम आते हो--- *भवानी प्रसाद मिश्र* 119 गोवध निवारण की भावना -- *निसहाय हिन्दू* 120 चीफ की दावत--- *भीष्म साहनी* 121 प्रेमचंद की अंतिम *प्रसिद्ध कहानी---* *कफ़न* 122 मानसरोवर के भाग-- *8* 123 प्रसाद की कुल कहानियां-- *69* 124 छायावाद की समर्थक पत्रिका--- *माधुरी* 125 "वियोगी होगा पहला कवि आह से उपजा होगा गान" --- *पन्त* 126 भूतनाथ उपन्यास -- *देवकीनंदन खत्री* 127 चंद्रकांता सन्तति के भाग--- *24* 128 न भूतो न भविष्यत--- *नरेंद्रर कोहली* 129 आम के पत्ते-- *रामदरश मिश्र* 130 बेरंग बेनाम चिठिया--- *रामदरश मिश्र* 131 दुष्चक्र में स्रसटा--- *वीरेन डंगवाल* 132 पत्थर फेंक रहा हूँ-- *चन्द्रकान्त देवताले* 133 हवा में हस्ताक्षर --- *कैलाश वाजपेयी* 134 "अंतिम अरण्य"---निर्मल वर्मा 135 अंगवधू के संकलनकर्ता -- *रज्जब* 136 'खटमल बाइसी'--- *अली मुहिब खां प्रितम* 137 इन्ना की आवाज नाटक----- *असगर वजाहत* 138 पढो फ़ारसी बेचो तेल ---- *नाग बोडस* 139 कोर्ट मार्शल ---- *स्वदेश दीपक* 140 काला पहाड़ ---- *_भगवान् दास मोरवाल_ * 141 काली आंधी --- *कमलेश्वर* 142 मछली मरी हुई उपन्यास का केन्द्रीय विषय --- *स्त्री समलैंगिकता* 143 बेकन विचारमाला----- *महावीर प्रसाद द्विवेदी* 144 रसा उपनाम - *भारतेंदु जी* 145 अब्र उपनाम - *प्रेमघन जी* 146 त्रिशूल उपनाम - *गया प्रसाद शुक्ल सनेही* 147 जकी - **जगन्नाथ रत्नाकर* 148 मुर्दों का टीला--- *रांगेय राघव* 149 आधुनिक काल का *तुलसी* व *सूर* किसे कहा गया? तुलसी- मैथिलीशरण गुप्त सूर- अयोध्या सिंह उपाध्याय "हरिऔध"

गुरुवार, 6 फ़रवरी 2020

*तुलसीदास को हिंदी का धर्मध्वज किसने कहा है?-* चतुरसेन शास्त्री *नाथों की भाषा को फक्कडी भाषा किसने कहा है?* चतुरसेन शास्त्री *सिद्धों की भाषा को आलो आंधारी भाषा किसने कहा है?* हरप्रसाद शास्त्री *यह तो जगजाहिर है की रामानंद के बारह शिष्य थे* *लेकिन किस आलोचक ने कहा की रामानंद के बारह नहीं साढे बारह शिष्य थे?* उतर::-----नागरी प्रचारणी पत्रिका में *पृथ्वीराज रासो को हिंदी का वृहत् महाभारत किसने कहा है?* उतर----दशरथ शर्मा *कबीर को अवधी का प्रथम कवि किसने माना है* उतर :----बाबूराम सक्सेना *मिश्रबंधुओं ने हिंदी का सबसे उद्दण्ड कवि किसे माना है?* उतर:::-----बेताल बंदीजन *मिश्रबंधुओं ने किस रीतिमुक्त कवि को ओऊल नंबर का रसिया कहा है?* उतर::---रसिक ठाकुर *मिश्रबंधुओं ने अष्टछाप का नौवां कवि किसे माना है?* उतर:---नागरीदास *मिश्रबंधुओं ने पुर्वालंकृतकाल का सबसे बडा आचार्य किसे माना है?* उत्तर:---चिंतामणि *मिश्रबंधुओं ने उत्तरालंकृत काल का सबसे बडा.कवि किसे माना है?* उतर:----भिखारीदास जी *मिश्रबंधुओं ने पुर्वालंकृतकाल का सबसे बडा कवि किसे माना है?* उतर:::------ *मिश्रबंधु विनोद को हिंदी साहित्य का पंचांग किसने कहा है?* उत्तर::---डॉ नामवर सिंह *शिवसिंह सरोज किस भाषा मे लिखा गया है* उत्तर::----हिंदी में *गुरुग्रंथ साहब में कुल कितने संत कवियो के पद है?* उतर:---17 *नंददास जडिया और कवि गढिया यह तो जगजाहिर है* *लेकिन वो एक भक्त कवि कौन है जिसे 'जडिया और गढियां' भक्त कवि कहा जाता है?* उतर:::------तुलसीदास जी *रीतिकाल का वह कवि जिसने खडी बोली हिंदी में सीतवसंत नामक (प्रबन्धरूप में)कहानी लिखी थी?* उतर:::------चन्दन कवि *रीतिकाल के किस कवि का उपनाम 'काष्ठ जिह्वा स्वामी' था?* उतर::------देव बनारस वाले *हिंदी का प्रथम जयकाव्य कौनसा है?* उतर::-----खुमाण रासो *मिश्रबंधुओं ने हिंदी का प्रथम नाटककार किसे माना है?* उतर::------विद्यापति जी को *मिश्रबंधुओ ने हिंदी का प्रथम इतिहास सहायक किसे माना है* *एवं किस ग्रंथ को प्रथम प्रथम इतिहास सहायक ग्रंथ माना है?* उतर:::---------शिव सिंह सरोज *कहा जाता है कि सेनापति ने अपने अंतिम समय मे क्षैत्रसन्न्यास ले लिया था* *यहा क्षैत्र सन्न्यास का क्या मतलब है?* उतर:::-------अपने निवास स्थान से बाहर न निकलन

सोमवार, 3 फ़रवरी 2020

हिन्दी साहित्य की कुछ मिलती-जुलती नामों वाली रचनाएँ।।।। ------------------------------------------ अपराजिता (काव्य)~रामेश्वर शुक्ल अंचल।। अपराजिता (उपन्यास)~चतुरसेन शास्त्री।। नीली झील (कहानी)~कमलेश्वर।। नीली झील (एकांकी)~धर्मवीर भारती अर्धनारीश्वर (उपन्यास)~विष्णु प्रभाकर अर्धनारीश्वर (निबंध)~दिनकर एक पति के नोट्स (उपन्यास)~महेंद्र भल्ला एक पत्नी के नोट्स (उपन्यास)~ममता कालिया एक कस्बे के नोट्स (उपन्यास)~नीलेशरघुवंशी त्रिशंकु (कथा संग्रह)~मन्नू भंडारी त्रिशंकु (नाटक)~ब्रजमोहनसिंह त्रिशंकु (निबंध)~अज्ञेय अनित्य (उपन्यास)~मृदुला गर्ग अनित्य (कहानी)~ बदी उज्जमा पंच परमेश्वर (कहानी)~प्रेमचंद पंच परमेश्वर (कहानी)~रांगेय राघव झूठा सच (उपन्यास)~यशपाल झूठ सच (निबंध)~सिया राम शरण गुप्त काली आँधी (उपन्यास)~कमलेश्वर पीली आँधी (उपन्यास)~प्रभाखेतान द्रौपदी (प्रबंध काव्य)~नरेंद्र शर्मा द्रौपदी (उपन्यास)~प्रतिभा राय द्रौपदी (नाटक)~सुरेंद्रवर्मा बाँधो न नाव इस ठाँव (उपन्यास)~उपेन्द्र नाथ अश्क बाँधो न नाव इस ठाँव (काव्य)~निराला संन्यासी (उपन्यास)~इलाचंद्र जोशी संन्यासी (नाटक)~लक्ष्मी नारायण मिश्र युवा संन्यासी (नाटक)~कैलाश वाजपेयी उर्वशी (काव्य)~प्रसाद उर्वशी (काव्य)~दिनकर रश्मि (काव्य)~महादेवी रश्मि रथी (काव्य)~दिनकर पिता (कहानी)~ज्ञानरंजन, महीप सिंह, धीरेन्द्र अस्थाना केवल पिता ( कहानी)~सेवाराम यात्री पिता दर पिता (कहानी)~रमेश वक्षी दीपशिखा (काव्य)~महादेवी दीपशिखा (नाटक)~रेवती शरन शर्मा मुक्ति पथ (नाटक)~उदयशंकर भट्ट मुक्ति पथ (उपन्यास)~इलाचंद्र जोशी मुक्ति पथ (उपन्यास)~अभय मौर्य मुक्ति पर्व (उपन्यास)~मोहनदास नैमिशराय मुक्ति प्रसंग (काव्य)~राज कमल चौधरी मम् अरण्य (उपन्यास)~सुधाकर अदीब अन्तिम अरण्य (उपन्यास)~निर्मल वर्मा दूब धान (काव्य)~अनामिका दूब धान (कहानी)~उषा किरन खान राग विराग (कहानी)~हरिशंकरपरसाई राग विराग (निराला की कविताओं का संग्रह)~रामविलास शर्मा धरती (काव्य ) ~त्रिलोचन धरती (उपन्यास)~भैरव प्रसाद गुप्त वसीयत (नाटक)~भगवती चरण वर्मा वसीयत (नाटक)~नागबोडस पंचवटी (काव्य)~मैथिलीशरण गुप्त पंचवटी प्रसंग (काव्य)~निराला उपसंहार (उपन्यास)~योगेशगुप्त उपसंहार (उपन्यास)~काशी नाथ सिंह गुलाम बादशाह (नाटक)~नंद किशोर आचार्य गुलाम बादशाह (उपन्यास)~रूप सिंह चंदेल बादशाह गुलाम बेगम (नाटक)~गिरिराज किशोर गुनाहों का देवता (उपन्यास)~धर्मवीर भारती देवता के गुनाह (उपन्यास)~देवेशठाकुर तीसरा हाथी (नाटक)~रमेश वक्षी अंधों का हाथी (नाटक)~शरद जोशी पागल हाथी (लघु कथा)~प्रेमचंद शह और मात (उपन्यास)~राजेंद्र यादव शह ये मात (नाटक)~ब्रजमोहनसिंह धूप के धान (काव्य )~गिरिजा कुमार माथुर धूप की उंगलियों के निशान (कथा संग्रह)-महीप सिंह धूप कोठरी के आइने में खड़ी ( काव्य) ~शमशेर बहादुर सिंह सीढियों पर धूप (काव्य)~रघुवीर सहाय धूप में जग रूप सुन्दर (काव्य)~त्रिलोचन धूप के हस्ताक्षर (गजल)~ज्ञान प्रकाश विदेह पक गई है धूप ( काव्य )~राम दरश मिश्र उभरती हुई धूप (उपन्यास)~गोविन्द मिश्र टहनियों पर धूप (कहानी )~मेहरुन्निसा परवेज धूप की तलवार (कविता)~केदारनाथ अग्रवाल।।।

विलोम शब्द

#हिंदी__विलोम__शब्द: (#अति_महत्वपूर्ण )  1.अग्र – पश्च 2. अज्ञ – विज्ञ 3. अमृत -विष 4. अथ – इति 5. अघोष – सघोष 6. अधम – उत्तम 7. अपकार – उपक...