✍"महायान हीनयान की अपेक्षा अधिक मानवीय, लोकगम्य, सहज और समन्वमूलक था" किसका कथन है - हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
✍उर्दू को यामिनी भाषा किसने कहा - लल्लूलाल जी।
✍बालेंदु उपनाम से प्रगतिवाद का कौन सा कवि कविताएं लिखता था - केदारनाथ अग्रवाल
✍नागार्जुन ने प्रगतिशील लेखक संघ की अध्यक्षता कब की थी - 1953, नई दिल्ली
✍"मैं रथ का टूटा हुआ पहिया हूँ, मगर मुझे फेंको मत" पंक्ति किसकी है - धर्मवीर भारती
✍"मैं प्रयोगवाद का अगुवा नहीं पिछलगुवा हूं" - दिनकर जी।
✍प्रपद्यवाद प्रयोग को साध्य जबकि प्रयोगवाद इसे साधन मानता है।
✍विष के दांत कहानी संग्रह नलिन विलोचन शर्मा का है।
✍युगचेतना-लखनऊ, कल्पना-हैदराबाद, नया ज्ञानोदय-कलकत्ता, आलोचना-दिल्ली, हंस-दिल्ली, तद्भव-लखनऊ से निकलने वाली पत्रिकाएं हैं।
✍नई कविता के 4 प्रतिमान - आधुनिकता में आस्था, कुंठारहित यथार्थ, बुद्धिवाद, क्षणवाद
✍'कवित्त विवेक एक नहिं मोरे' जैसी विनम्र भाव वाली पंक्ति किस कवि की लेखनी से निःसृत हुई - तुलसीदास
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प्रयोगवाद : महत्वपूर्ण कथन या विद्वानों के विचार
✍समाज के हित में जैसी क्रांति का सतत प्रक्रिया काम्य है, वैसे ही रचना के हित में प्रयोग की। - रामस्वरूप चतुर्वेदी
✍प्रयोगवाद का कोई वाद नहीं है, हम वादी नहीं रहे हैं। - अज्ञेय
✍प्रयोगवाद बैठे ठाले का धंधा है। - नन्द दुलारे वाजपेयी
✍चरम व्यक्तिवाद ही प्रयोगवाद का केंद्र बिंदु है। - नामवर सिंह
✍मैं प्रयोगवाद का अगुवा नहीं पिछलगुवा हूं। - दिनकर जी
✍प्रयोगवाद दृष्टिकोण का अनुसंधान है। - केशरी कुमार
✍प्रयोगवाद शैलीगत विद्रोह है। - डॉ. नगेन्द्र
✍ प्रयोगवाद कलात्मक अनुभव का क्षण है। - रघुवीर सहाय
✍प्रयोगवाद का प्रारंभ - 1943
✍प्रयोगवाद के आरम्भकर्ता - अज्ञेय जी
✍प्रयोगवाद के अंतर्गत कुल सप्तक - 04 (1943, 1951, 1959, 1979)
✍राहों का अन्वेषी कवियों को अज्ञेय जी तारसप्तक की भूमिका में कहा।
✍प्रमुख प्रवृत्तियां - अहंवादी व्यक्तित्व, अतियथार्थवाद, निराशावाद, बौद्धिकता, नवीन उपमान, विषयों का साधारण निरूपण, सामयिक भाषा
✍प्रयोगवाद पर फ्रायड दर्शन का प्रभाव भी है।
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➡️प्रश्नोत्तर जो अनिवार्य कि अनिवार्य हो सकते हैं, परीक्षा के लिहाज़ से
✍सूफी धारा को किस आलोचक ने प्रेमाश्रयी धारा कहा - आचार्य शुक्ल जी
✍"मानस भवन में आर्यजन जिनकी उतारे आरती...." पंक्ति किस काव्यग्रंथ से है - भारत भारती
✍"सब आंखों के आंसू उजले/सबके सपनों में सत्य पला"...पंक्ति किसकी है - महादेवी वर्मा
✍किस सन्त कवि का जन्म अकबर के समय में और मृत्यु औरंगजेब के काल में हुई - मलूकदास
✍सन्त कवियों के दार्शनिक सिद्धातों का मूल आधार है - अद्वैतवाद
✍रचना कुमारपाल प्रतिबोध - सोमप्रभ सूरि, कुमारपाल चरित - हेमचन्द्र की है।
✍महिमभट्ट द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत है - अनुमानवाद
✍"साहित्य मनुष्य के अंदर का उछालित आनन्द है" - नन्द दुलारे वाजपेयी
✍कवि धनपाल को किसने सरस्वती की उपाधि दी - राजा मुंज ने
✍"नैननि में जो सदा रहते तिनकी अब कान कहानी सुन्यो करै" - आलम की पंक्ति है।
✍कृष्ण की रस रूप और राधा को रति रूप किस सम्प्रदाय में माना गया है - वैष्णव सहजिया सम्प्रदाय
✍चंपू काव्य के दो भेद हैं - विरुद और करम्बक
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