काव्य की परिभाषा
🎙 आचार्य विश्वनाथ के अनुसार-" रसात्मकं वाक्यं काव्यं " अर्थात रसयुक्त वाक्य ही काव्य है । "
🎙आचार्य जगन्नाथ के अनुसार -" रमणीय अर्थ के प्रतिपादक धर्म को काव्य कहते हैं।"
🎙आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार - " जो उक्ति ह्रदय में कोई भाव जगा दे और उस वस्तु तथ्य की मार्मिक भावना में लीन कर दे , वह काव्य है ।"
🎙जयशंकर प्रसाद " आत्मा की संकल्पनात्मक अनुभूति काव्य है"।
➡️काव्य : भेद-उपभेद
उत्तर - काव्य के दो भेद हैं -
1. श्रव्य काव्य 2. दृश्य काव्य
1. श्रव्य काव्य :- ऐसे काव्य जिनका आनंद पढ़कर या सुनकर लिया जाता है, उन्हें श्रव्य काव्य कहा जाता है । जैसे - महाकाव्य, खंडकाव्य, मुक्तक काव्य, कहानी, उपन्यास आदि ।
◾️श्रव्य काव्य के भी दो भेद हैं - 1. प्रबन्ध काव्य 2. मुक्तक काव्य
◾️इसी प्रकार प्रबंध काव्य के दो प्रकार हैं - 1. महाकाव्य 2. खंडकाव्य
2. दृश्य काव्य :- ऐसा काव्य जिसका आनंद देखकर लिया जाता है, दृश्य काव्य कहलाता है । जैसे - नाटक, एकांकी, प्रहसन आदि ।
मिस्र में भारतीय सेना की विजय प्राप्त पर जो कृति लिखी गई उसका स्पष्टीकरण करें। धन्यवाद
जवाब देंहटाएंमिस्र में भारतीय सेना की विजय प्राप्त पर जो कृति लिखी गई उसका स्पष्टीकरण करें। धन्यवाद
जवाब देंहटाएंमिस्र में भारतीय सेना की विजय पर भारतेंदु जी ने "विजयिनी विजय वैजयंती" शीर्षक कविता लिखी थी ।
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